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________________ (७९) विरमण व्रत कहते है. प्रश्न २४ चार शिक्षावत कोनसे कोनसे है ? उत्तर सामायिक, दिशावगसिक, पौषध और अतिथि सांवभाग यह चार शिक्षाव्रत कहे जाते है. प्रश्न २५ सामायिक व्रत किस्को कहते हैं ? उत्तर-- संकल्प निश्चयपूर्वक समताभावमें पाप व्यापारको त्याग कर जघन्य दो घडी और उत्कृष्ट जीवन पर्यंत कायम रहे उस्को सामायिक व्रत कहते है. प्रश्न २६ दिगावगासिक व्रत किस्को कहते है ? . उत्तर-- छ8 व्रतम धारण की हुइ दिशाओंका संक्षेप करना और मर्यादामें रहकर धर्मध्यान सेवन करना उसीको दिशावगासिक व्रत कहते है. प्रश्न २७ पौषध व्रत किस्को कहा जाता है ? उत्तर-- जीस्से धर्मकी पुष्टि-वृद्धि हो वह पौषधके चार प्रकार है. १ आहार पोषह, उपवास अयंबिल बगैरे २ शरीरसत्कार त्याग पोषह ३ ब्रह्मचर्य पोषह और ४ पाप व्यापार परिहार करनेरुप पोषह. यह चार भेद है सो उपयोगमें लेवे उस्को पौषधव्रत कहा जाता है. प्रश्न २८ आथिति संविभाग व्रत सो क्या ? उत्तर--अतिथि याने अणगार साधुजी उन्होको आहार पाणी व्होराकर सुपात्र दान देकर भोजन करे सो अतिथि संविभाग व्रत कहा जाता है. प्रश्न २९ दुनियामें कौनसी बाबत रात दिन सदा चिंतन करने योग्य है ? उत्तर-- संसारकी असारता--अनित्यता निरंतर चितवन करने
SR No.010725
Book TitleSadbodh Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKarpurvijay
PublisherPorwal and Company
Publication Year1936
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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