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________________ सत्य का पवित्र बन्धन श्रीमत्परमहंस परिव्राजकाचार्य महामहिम श्री रघुवल्लभ तीर्थस्वामी भी पालिमार मठाधीश, उमेपी प्राचार्यश्री तुलसी द्वारा प्रवतित अणुव्रत-आन्दोलन अत्यन्त प्रशंसनाय है और सही रास्ते पर चलने में सहायता प्रदान करता है। सहमस्तित्व के लिए यह आन्दोलन निश्चित ही बहुत सहायक होगा, प्रतः समस्त मानव जाति सत्य के इस पवित्र बन्धन के प्रकाश से पाबद्ध होगी, ऐसी हम कामना करते हैं। समाज-कल्याण के लिए श्री विद्यारत्न तीर्थ श्रीपादाः श्री माध्वाचार्य संस्थानम् श्री कृष्णापुर मठ, उमओपी भौतिकवाद के इस युग में जब कि जनसाधारण का जीवन नैतिक हाम और नतिक पतन की ओर जा रहा है, यह सर्वथा उपयुक्त है कि उस पतन को रोका जाये और लोगों के सम्मुख नैतिक महानता के समृद्ध पादों को प्रस्तुत किया जाये, जिनके लिए. कि देश के महान् प्राचार्यों ने अपने जीवन काल में कठोर परिश्रम किया और उनके बाद उनके द्वारा स्थापित मठ यही काम कर रहे हैं। तुलसी धवल समारोह समिति निस्संदेह अभिनन्दन की पात्र है, जो तेरापंथ के प्राचार्यश्री तुलसी की एकचतुर्थ शताब्दी की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत कर रही है। इस अभिनन्दन ग्रन्थ का व्यापक प्रसार होना चाहिए और उसमे देग के नास्तिको और भ्रमित नवयुवकों की अखि खुल जानी चाहिए कि इस देश के विभिन्न सम्प्रदायों के साधुनों, संतों और संन्यासियों ने कितनी महान् सफलताएं प्राप्त की हैं। हम भगवान् कृष्ण से प्रार्थना करते हैं कि इस लौकिकता के और राजनीतिक नेतामों की लम्बी-चौड़ी बातों के प्रावरण में जन-साधारण की, पवित्र हिन्दुओं की मौलिक माकांक्षाएं डूबने न पायें। तुलसी धवल समारोह समिति के प्रयास की सफलता की कामना करते हुए हम एक बार पुनः प्रार्थना करते है कि माचार्यश्री तुलसी और उनके जैसे संत समाज के कल्याण के लिए दीर्घजीवी हों।
SR No.010719
Book TitleAacharya Shri Tulsi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Dhaval Samaroh Samiti
PublisherAcharya Tulsi Dhaval Samaroh Samiti
Publication Year
Total Pages303
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, Literature, M000, & M015
File Size15 MB
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