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________________ ४ आँखकी किरकिरी। "जिन्हें अभी हाल ही सवालाख रुपयेका सबसे बड़ा पारितोषिक (नोबेल प्राइज) मिला है जो संसारके सबसे श्रेष्ठ महाकवि समझे गये हैं, उन बाबू रवीन्द्रनाथ ठाकुरके प्रसिद्ध बंगला उपन्यास 'चोखेर वाली' का यह हिन्दी अनुवाद है। इसमे मानसिक विचारोंके, उनके उत्थान पतन और घात प्रति"घातोंके बड़े ही मनोहर चित्र खींचे हैं। भाव सौन्दर्यमे इसकी जोड़का दूसरा कोई उपन्यास नहीं । इसकी कथा भी बहुत ही सरस और मनोहारिणी है । मूल्य पक्की जिल्दका १] और साधीका १३ रु० ५ फूलोंका गुच्छा। - इसमे ११ खण्ड उपन्यासो या गल्पोंका संग्रह है । इसके प्रत्येक पुष्पकी "सुगन्धि, सौन्दर्य और माधुर्यसे आप मुग्ध हो जावेंगे । प्रत्येक कहानी जैसी • सुन्दर और मनोरंजक है वैसी ही शिक्षाप्रद भी है । मूल्य दश आने । ६ मितव्ययिता। यह प्रसिद्ध अगरेज लेखक डा० सेमवल स्माइल्स साहबकी अगरेजी पुस्तक थिरिपृ' का हिन्दी अनुवाद है । इसके लेखक हैं वावू दयाचन्दजी गोयलीय 'बी ए । इस फिजूल खर्ची और विलासिताके जमानेमे यह पुस्तक प्रत्येक भारतवासी वालक युवा वृद्ध और स्त्रीके नित्य स्वाध्याय करने योग्य है । इसके पढ़नेसे आप चाहे जितने अपव्ययी हों, मितव्ययी संयमी और धर्मात्मा बन . जावेंगे। बड़ी ही पाण्डित्य पूर्ण युक्तियोंसे यह पुस्तक भरी है। इसमें सामाजिक, नैतिक, धार्मिक और राष्ट्रीय आदि सभी दृष्टियोसे धन और उसके सदुपयोगोंका विचार किया गया है। स्कूलके विद्यार्थियोंको इनाममें देनेके लिए यह बहुत ही अच्छी है। जून महीनेमे तैयार हो जायगी। ७ चौका चिहा। • वंगभापाके सुप्रसिद्ध लेखक बाबू बंकिमचन्द्र चटर्जीके लिखे हुए कमलाका न्तेर दफ्तर' का हिन्दी अनुवाद । अनुवादक पं० रूपनारायण पाण्डेय'। इस - पुस्तकके ५-६ लेख जनहितैषीमे विनोद विवेक-लहरी'को नामसे निकल ।
SR No.010718
Book TitleJain Hiteshi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages373
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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