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________________ २५००० ) नसियाकी धर्मशालामें लगा दिये गये। ४०००००) सब रकमोंका जोड़। गत २२ अप्रेलको इस कार्यके लिए इन्दोरमें एक सभाकी गई थी और उसका सभापतित्व रायबहादुर सेठ कश्तूरचन्दजीको दिया गया था। सभामें बाहरी लोगोंकी आई हुई सम्मतियाँ तथा पत्रसम्पादकोकी रायें सुनाई गई थीं और पीछे सर्व सम्मतिसे सेठजीने अपना निश्चय प्रकट किया था। सब लोगोंकी रायसे यह भी तय हुआ है कि उक्त सब संस्थायें एक ट्रस्ट कमेटी और एक प्रबन्धकारिणी कमेटीके अधीन रहेंगी। मत्रीका कार्य लाला हजारीलालजी अग्रवालको सोंपा गया है। सेठ स्वरूपचन्द हुकमचन्द विद्यालयमें संस्कृत और अँगरेजीके दो। विभाग रहेंगे। विद्यालयके साथ एक बोर्डिंग भी रहेगा जिसमें लगभग १०० विद्यार्थी रह सकेंगे। संस्कृत विद्यार्थियोंको व्यवहारिक शिक्षा और अगरेजीके विद्यार्थियोंको प्रतिदिन २ घण्टेकी धर्मशिक्षा आवश्यक होगी। अभी सेठजीकी ओरसे जो 'हुकमचन्द बोर्डिंग स्कूल' चल रहा था, वह इसमे शामिल कर दिया जायगा। __ लाला हजारीलालजीकी ओरसे अभी हाल ही जो विज्ञापन प्रकाशित हुआ है, उसके आधारसे हमने उक्त विवरण दिया है। जब सर्व सम्मतिसे उक्त दानविभाग हो चुका है, तब इस विषयमें तर्क वितर्क करनेकी अथवा कुछ रद्दोबदलकी सम्मति देनेकी आवश्यकता नहीं है। किसीको आधिकार भी नहीं है। अपनी अपनी सम्मति जिन्हें देना थी वे सब पहले दे ही चुके हैं। अब हम सब का यही कर्तव्य है कि जो संस्थायें खोली जा रही हैं वे अच्छी तरहसे चले, उनसे पूरा पूरा लाभ उठाया जाय और उनके लिए योग्य संचा
SR No.010718
Book TitleJain Hiteshi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages373
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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