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________________ १२८ वृन्दावनविलास ६ प्रश्न-जयपुरमें जिनमन्दिरमें पूजा किस रीति होय है। * उत्तर-जयपुरमें सम्प्रदाय दोय हैं । एक वीसपंथ । * एक तेरापंथ । तहां वीसपंथिनिकै मट्टारक पंडित है ते । * आशाधरकृत पंडित ( पाठ ) है, तिस अनुसार करें है अर तेरापंथिनकै दूजा पाठ प्राचीन आचार्यका किया है, तिस है। * अनुसार करै है । तेरापंथिनमें भी वरस पञ्चीसेकस् गुमा नीराम भेद थाप्या है। तहां तेरापथिनका दूसरा मन्दिर है। । तहां तिस रीतिसों होय है। । ७ प्रश्न-जिनके चरणनके चन्दनका लेप करना युक्त । है कि अयुक्त है। । उत्तर-पूजनके पाठनिमें कोईमें तौ अग्रभूमिमें लेप करना लिख्या है अर कोईमें प्रतिमाके तलै पीठिका पाषाण । है ताके लेप करना लिख्या है अर कोईमें चरननिके लेप * करना लिख्या है । तहां युक्ति करनेमें विवाद है । अर जिनमत स्याद्वाद है सो विवाद तौ जिनमतमें युक्त नाहीं।। । अर प्रतिमा दिगम्बर पूज्य है । ताके लेप चाहिये तो नाहीं।। , *अर कोई पूजक भक्त अपनी रुचितै चरननिके अर्पण भी है , * करै, तो विवाद न करना, जलतै प्रक्षाल होय तब उतर जाय है । अर लेप हीकी पक्ष करना दिगम्बरांके सेवानिको उचित नाहीं। १ दूसरी प्रतिमें प्रक्षाल लिखा है।
SR No.010716
Book TitleVrundavanvilas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Hiteshi Karyalaya
Publication Year
Total Pages181
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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