SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 129
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रति क्रमण अावश्यक ' १२७ . भृले की है और फिर भी यह साधुता का गर्व है ? धिक्कार है तेरी इस नीच मनोवृत्ति पर ।' (७) गह-गुरुदेव तथा किसी भी अन्य अनुभवी साधक के समक्ष अपने पापो की निन्दा करना गर्दा है । गर्दा के द्वारा मिथ्याभिमान चूर-चूर हो जाता है । दूसरो के समक्ष अपनी भूल प्रकट करना कुछ सहज वात नहीं है । जबतक हृदय में पश्चात्ताप का तीव्र वेग न हो, आत्मशुद्वि का दृढ संकल्प न हो, पापाचार के प्रति उत्कट घृणा न हो, तबतक अपराध मन में ही छुपा बैठा रहता है, वह किसी भी दशा मे बाहर आने के लिए जिह्वा के द्वार पर नहीं आता। अतएव तीव्र पश्चात्ताप के द्वारा दूसरों के समक्ष पापों की आलोचना रूप गहीं पाप प्रक्षालन का सर्वश्रेष्ठ साधन है । जिस प्रकार अमृतौषधि से विष दूर हो जाता है, उसी प्रकार गर्दा के द्वारा टोपरूप विप भी पूर्णरूप से नष्ट हो जाता है। (८) शुद्धि-शुद्धि का अर्थ निर्मलता है। जिस प्रकार वस्त्र पर लगे हुए तैल आदि के दाग को साबुन आदि से धोकर साफ किया जाता है, उसी प्रकार अात्मा पर लगे हुए दोषों को पालोचना, निन्दा, गर्दा तथा तपश्चरण अादि धर्म-साधना से धोकर साफ किया जाता है। प्रतिक्रमण अात्मा पर लगे दोवरूप दागों को धो डालने की साधना है, अतः वह शुद्धि भी कहलाता है । ___प्रतिक्रमण जैन-साधना का प्राण है। जैन साधक के जीवन क्षेत्र का कोना-कोना प्रतिक्रमण के महा प्रकाश से प्रकाशित है । शौच, पेशाब, प्रतिलेखना, वसति का प्रमार्जन, गोचरी, भोजन पान, मार्ग मे गमन, शयन, स्वाध्याय, भक्तपान का परिष्ठापन, इत्यादि कोई भी क्रिया की जाए तो उसके बाद प्रतिक्रमण करना आवश्यक है। एक स्थान से सौ हाथ तक की दूरी पर जाने और वहाँ फिर एक मुहूर्त भर बैठ कर विश्राम लेना हो तो बैठते ही गमनागमन का प्रतिक्रमण अवश्य करणीय होता है। श्लेप्म और नाक का मल भी डालना हो तो उसका भी प्रतिक्रमण करने का विधान है । भूमि पर एक कदम भी यदि बिना देखे निरुपयोग दशा
SR No.010715
Book TitleAavashyak Digdarshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarchand Maharaj
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1950
Total Pages219
LanguageSanskrit, Hindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy