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________________ • जहाँ कोष्ठक के बाहर केवल सस्या (जैसे 1/1, 2/1 आदि) ही लिखी है, वहां कोष्ठक के अन्दर का शन्द 'सजा' है । • जहाँ कर्मवाच्य, कृदन्त प्रादि प्राकृत के नियमानुसार नही बनें हैं, वहाँ कोष्ठक के बाहर 'अनि' भी लिखा गया है। 1/1 अक या सफ–उत्तम पुरुष/ एकवचन 1/2 अकया सक-उत्तम पुरुष । बहुवचन 2/1 अक या सक-मध्यम पुरुष । एकवचन 2/2 अक या सक-मध्यम पुरुष । बहुवचन 3/1 अक या सक-अन्य पुरुष/ एकवचन 312 अक या सक-अन्य पुरुष/ बहुवचन 1/1-प्रथमा/एकवचन 1/2-प्रथमा/बहुवचन 211-द्वितीया एकवचन 212-द्वितीया/बहुवचन 3/1-तृतीया/एकवचन 3/2-तृतीया/बहुवचन 411-चतुर्थी/एकवचन 4/2-चतुर्थी/बहुवचन 5/1-पंचमी/एकवचन 3/2-पचमी/बहुवचन 611-पष्ठी/एकवचन 612-षष्ठी /बहुवचन 111-सप्तमी/एकवचन 712-सप्तमी/बहुवचन 8/1-सवोधन /एकवचन 8/2-सबोधन/बहुवचन चयनिका [ 57
SR No.010711
Book TitleSamaysara Chayanika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1988
Total Pages145
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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