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________________ [ ४७: चाहते हैं कि देश में हिंसा न बढ़े तो प्रत्येक को अपनी आवश्यकताओं को..। सीमित करना होगा। महा हिंसा से बनी वस्तुओं का उपयोग त्यागना पड़ेगा। वृद्ध और असमर्थ जानवरों का बेचना बंद करना होगा और गोशाला जैसे संस्थानों में उन्हें रखने की व्यवस्था करनी होगी । गोशाला की आय के लिये दुधारू पशु ही रक्खे, जायं, यह भावना गलत है। प्राय के लिये दूसरे उपाय: सोचे जा सकते हैं परन्तु असमर्थ पशुओं का विक्रय बंद कर उनका रक्षण तो गोशालाओं का मुख्य लक्ष्य है । इसको नहीं भूलना चाहिये । घर-धनी (स्वामी) अगर अपने जानवरों का पालन-पोषण न कर सके तो संस्थाएं उनकी रक्षा की व्यवस्था करें जिससे वे कत्लखाने में न जा सके। पशु कत्लखाने में न जाएं, ___ इस प्रकार की सावधानी रखी जाए, तभी हिंसा रोकी जा सकती है। .. . अगर व्यक्ति तन-धन संबंधी ममता को मोड़ ले तो व्यवहार और परमार्थ का कोई कार्य होना अशक्य नहीं है । ममता हटा लेने या कम करने से पाप रुक सकता है। साधक तन, मन और धन से ममता हटा ले तो उनसे आदर्श कार्य की सिद्धि हो, इसमें शंका ही क्या है ? .. मन की ममता हटाकर स्थूलभद्र वेश्या की दुर्वृत्ति पर ममता हटाने - से ही विजयी हो सके । सिंह की गुंफा पर रहने वाला साधकं तन की ममता को मार कर सिद्धि प्राप्त करने में असमर्थ हो सका । सिंह गुफावासी ने भी गुफा में अटल ध्यान धारण करके सफलता प्राप्त की। ..... मुनि दीक्षा अगीकार करने वाला साधक जब अपने को गुरु के श्रीचरणों में अर्पित करता है तब द्रव्य परिग्रह (धन) का त्याग तो कर ही देता है, भाव-परिग्रह के त्याग की परीक्षा भी समय-समय पर होती रहती है। एक मुनि नाग की बांबी पर ध्यान में लीन हो गए । मुनि ध्यानावस्था में एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं जाता, वाणी का उच्चारण नहीं करता और चित्त की चंचलता को भी त्याग देता है । इस प्रकार तीनों गुप्तियों से गुप्त -मुति को देख कर नाग का रोष सीमातीत हो गया। उसने विचार किया कौन है यह भागा जो अपने प्राण देने के लिए मेरी बांबी पर आया है ! मौत किसे पकड़ कर आज यहां ले आई. है ? ऐसा सोचकर उसने फुकार की, मगर मुनि
SR No.010710
Book TitleAadhyatmik Aalok Part 03 and 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj, Shashikant Jha
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages443
LanguageHindi, Sanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Discourse
File Size23 MB
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