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________________ 116 आध्यात्मिक आलोक एक दिन अवसर देखकर महामन्त्री ने राजा से निवेदन किया कि- महाराज! नित्य मुहर दान की अपेक्षा पण्डित को जागीर देना अच्छा है। यह सुनकर राजा बोला कि तुमने ही तो पण्डित की प्रशंसा की थी । मन्त्री ने कहा- "राजन् ! मैंने मूल रचनाकार की प्रशंसा की थी । पण्डितजी तो मात्र अच्छा सुना देते हैं । ये उनकी अपनी रचनाएं नहीं हैं । आप जानना चाहें तो ये श्लोक मेरी लड़कियां भी सुना सकती हैं।" महामन्त्री शकटार की सात कन्याएं थीं, जो एक से बढ़कर एक प्रतिभाशालिनी थीं । उनमें यह खूबी थी कि पहली लड़की किसी बात को एक बार सुनकर स्मरण में रख लेती । दूसरी लड़की दो बार सुनकर याद कर लेती । इसी प्रकार तीसरी, चौथी, पांचवीं, छठी एवं सातवी लड़की क्रमशः तीन, चार, पांच, छ: और सात बार सुनकर किसी बात को याद कर लिया करती थीं । वे रील की पट्टी पर पड़ी हुई प्रतिच्छाया के सदृश बातों की अविकल पुनरावृत्ति कर सकती थीं । इन बालिकाओं को प्रतिभाशालिनी बनाने में आदर्श माता लाछल दे का बड़ा हाथ था, जिसने इनमें भजन, स्मरण और स्वाध्याय के सुसंस्कार डाले थे। जीवन का विकास तभी संभव है जब शरीर श्रृंगार, व्यर्थ बातचीत एवं तेरी मेरी के विवाद से ऊपर उठकर साधना समय का उपयोग किया जाये। __ अगले दिन इसका निर्णय करना सोचा गया। पण्डितजी ने राजदरबार में आठ श्लोक सुनाये। उसी समय बालिकाओं से पूछा गया- उनमें क्रमशः एक, दो, तीन, चार, पांच, छ. और सात बार सुनकर उन श्लोकों को याद कर लिया और सभी ने एक-एक कर के श्लोकों की पुनरावृत्ति कर दी । फिर क्या था ? राजसभा में पण्डितजी की रचना के मौलिक होने में शंका हो गयी । वररुचि अवाक रह गये और बड़े शर्मिन्दा हुए। अतिलालच ने पण्डितजी की प्रतिभा और इज्जत को मिट्टी में मिला दिया। जैसी वररुचि की स्थिति हुई, ऐसी हमारी भी दशा नहीं हो, इसके लिये हर व्यक्ति को सजग रहना चाहिये । हम कृषक के समान हृदय रूपी खेत में पाप कर्म रूपी घास को हटाकर आत्मा का कल्याण करें, अन्यथा पाप की भारी गठरी सिर पर धारण करके अपनी जीवन यात्रा सफलतापूर्वक तय नहीं कर सकेंगे।
SR No.010709
Book TitleAadhyatmik Aalok Part 01 and 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj, Shashikant Jha
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages599
LanguageHindi, Sanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Discourse
File Size28 MB
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