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________________ [ २६ ] १६०३ मिगसर वदि २ बुध को सात ढालो में संक्षिप्त चरित्र वर्णन किया है। भाषा गुजराती प्रधान है। __ २५~-वीसवीं के उत्तरार्द्ध में अमोलक अपि ने सीता चरित्र बनाया है वह मैंने देखा नहीं है उसकी भाषा हिन्दी प्रधान होगी। वीसवीं शदी में (२६) शुक्ल जैन रामायण-शुक्लचन्दजी (२७) सरल जैन रामायण-कस्तूरचन्दजी (२८) आदर्श जैन रामायणचौथमलजी ने निर्माण की है। फुटकर सती सीता गीत आदि तो कई मिलते है। गद्य में कई वालावबोध ग्रंथों में 'सीता चरित्र' संक्षेप में मिलता है उनका यहां उल्लेख नहीं किया जा रहा है। केवल एक मौलिक सीता चरित्र की की अपूर्ण प्राचीन प्रति हमारे संग्रह में है, उसीका कुछ विवरण आगे दिया जा रहा है। गद्य ___ २६-सीता चरित भाषा-इसकी ५८ पत्रों की अपूर्ण प्रति हमारे संग्रह से है, जो १६-१७वीं शताब्दी की लिखित है अतः इसकी रचना १६वीं शताब्दी की होनी सम्भव है। इसी तरह का एक अन्य संक्षिप्त सीता चरित्र (गद्य) मुनि जिनविजयजी संग्रह (भारतीय विद्या भवन, बम्बई ) में है। इस प्रकार तथा ज्ञात जैन रचनाओं का परिचय देकर अब जैनेतर गद्य और पद्य रचनाओं (रामचरित्र सम्बन्धी ग्रन्थों) का परिचय दिया जा रहा है। १७वीं शताब्दी १ रामरासो-माधवदास दधवाडिया रचित यह काव्य खूब
SR No.010706
Book TitleSitaram Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1952
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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