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________________ [ २ ] कारण्य में जटायु-मिलाप । किसी नदी तट पर स्थायी निवास । लक्ष्मण द्वारा शम्चुक वध । रावण की वहिन चन्द्रनखा (शम्चुक की माता ) द्वारा पुत्र शोक भूल कर राम-लक्ष्मण से प्रणय निवेदन । खरदूषण (चन्द्रनखा का पति ) लक्ष्मण के बीच युद्ध । लक्ष्मण द्वारा विपत्ति का निर्धारित सकेत 'सिंहनाद, रावण द्वारा छल से कर दिये . जाने पर राम की अनुपस्थित में सीता-हरण । जटायु युद्ध । नकली सुग्रीव 'सहसगति' का राम द्वारा वध | राम सुग्रीव मैत्री। हनुमान द्वारा सीता के पास लंका पहुंच राम का सन्देश लेना व लंका उजाड़ना । लक्ष्मण द्वारा कोटिशिला उठाना, नारायण के अवतार की पुष्टि । राम रावण युद्ध मे लक्ष्मण की मूर्छा का विशल्या द्वारा मोचन। इसी बीच रावण द्वारा वहुरूपणी विद्या सिद्ध करना । रावण के चक्र से ही लक्ष्मण द्वारा रावण वध । मन्दोदरी, चन्द्रनखा आदि का जिन दीक्षा ग्रहण करना । विभीषण का राज्याभिषेक । अयोध्याआगमन भरत द्वारा दीक्षा ग्रहण। ___ सीता के सम्बन्ध मे लोकापवाद को सुन कर राम द्वारा गर्भवती सीता को वनवास । वजजंघ द्वारा वहिन मानकर सीता का स्वागत । लव कुश का जन्म | दोनों का विवाह, दोनों का अयोध्या पर आक्रमण। पिता पुत्रों का मिलन । सीता द्वारा अग्निपरीक्षा में सफल होने पर जिन दीक्षा ग्रहण । इन्द्र की प्रशंसा पर दो देवों द्वारा राम लक्ष्मण के भ्रात प्रेम की परीक्षा मे लक्ष्मण की मृत्यु । आगे चल कर राम द्वारा दीक्षाग्रहण तथा केवल्य प्राप्त कर मोक्ष गमन । ग्रन्थान्त में ग्रन्थ महिमा एवं कवि परिचय 'सीताराम चउपई की राम कथा संक्षेप मे यही है। राम कथा से जुड़ी हुई और घटनायें भी ग्रन्थ मे
SR No.010706
Book TitleSitaram Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1952
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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