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________________ ४० * पौषीस तीथकर पुराण * - - - Amcom - "देवि ! ऐरावत हाथीके देखनेसे तुम्हारे अत्यन्त उत्कृष्ट पुत्र होगा, अलके देखनसे वह पुत्र समस्त संसारका अधिपति होगा, सिंहके देखनेसे अत्यन्त पराक्रमी होगा, लक्ष्मीकं देग्ननेसे अत्यन्त विभवशाली होगा, दो मालाओंके देखनेसे धर्म तीर्थका कर्ता होगा, पूर्ण चन्द्रमाके देवनेसे समस्त प्राणियोंका आनन्द देने वाला होगा, सूर्यको देखनेसे तेजस्वी होगा, सोनेके कलश देखने से निधियोंका स्वामी होगा, मछलियोंके देखनेसे अनन्त सुखी और सरोवरके देखनेसे उत्तम लक्षणोंसे भूपित होगा, समुद्रके देखनेसे सर्वदर्शी और सिंहा सनके देखनेसे स्थिर साम्राज्यवान् होगा, देव विमान देखनेसे वह 'स्वर्गसे आवेगा, नागेन्द्रका भवन देग्ननेसे अवधिज्ञानी, रत्नोंकी राशि देखनेसे गुणोंकी खानि और निर्घम अग्निके देखनेसे वह कर्म रूपी ईधनको जलानेवाला होगा। तथा स्वप्न देखनेके बाद जो तुमने मुंहमें प्रवेश करते हुए सफेद बैलको देखा है उससे मालूम होता है कि तुम्हारे गर्भमें किसी देवने अपतार लिया है। ___ यहांपर राजा नाभिराज मम देवा के लिये स्वप्नोंका फल बतला रहे थे वहां देवोंके अचानक आमन कम्पायमान हुए जिससे उन्हें भगवान् वृपभनाथके गर्भारोहणका निश्चय हो गया । इन्द्रकी आज्ञानुसार दिक्कुमारियां तथा श्री, ही, धृति, कीर्ति, बुद्धि लक्ष्मी आदि देवियां जिनमाता महारानी सा देवीकी सेवाफे लिये आ गई। इन्द्र आदि समस्त देवोंने आकर अयोध्यापुरीमें खूप उत्सव किया और वस्त्र आभूषण आदिसे राजा नाभिराज और मरु देवीका खून सत्कार किया । जो रनोंको धारा गर्भाधानमें छह माह पहलेसे घरमती थी वह गर्भके दिनों में भी वैसी ही बरसती रही। इस तरह आषाढ़ शुक्ला द्वितीयाके दिन उत्तरापाद नक्षत्रमें पचनाभि अहमिन्द्रने सर्वार्थ सिद्धिसे चय कर महादेवी मरू देवीके गर्भ में स्थान पाया। जव भगवान् गर्भमें आये थे तष तीसरे सुषम दुःषमा कालके चौरासी लाख पूर्व तथा चार वर्ष साढ़े पांच माह पाकी थे। मरू देवीकी सेवाके लिये जो दिक्कुमारियां तथा श्री ही आदि देवियां आई थीं उन्होंने सबसे पहले स्वर्ग लोगसे आई हुई दिव्य औषधियोंसे उसका गर्भ शोधन किया और फिर निरन्तर गर्भकी रक्षा तथा उसके पोषणमें
SR No.010703
Book TitleChobisi Puran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain
PublisherDulichand Parivar
Publication Year1995
Total Pages435
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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