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________________ * चौबीस तीर्थङ्करपुराण * २५० त्योंही उसकी सांकल अपने आप टूट गई । उसका शरीर पहलेके समान सुन्दर हो गया। पासमें रखा हुआ मिट्टीका बर्तन सोनेका होगया और कोंदोका भात शालिचावलोंका बन गया। यह देखकर उमने प्रसन्नतासे पड़गाह कर भगवान् महावीरके लिये आहार दिया। देवोंने चन्दनाकी भक्तिसे प्रसन्न होकर उसके घरपर रत्नों की वर्षाकी। तबसे चन्दनाका माहात्म्य सव ओर फैल गया। पता लगनेपर चेटक राजा पुत्रीको लिवानेके लिये आया पर वह संसारकी दुःखमय अवस्थासे खूब परिचित हो गई थी इसलिये उसने पिताके साथ जानेसे इनकार कर दिया और किसी आर्यिकाके पास दीक्षा ले ली। अबतक छद्मस्थ अवस्थामें विहार करते हुए भगवान्के बारह वर्ष बीत गये थे। एक दिन वे जृम्भिका गांवके समीप ऋजुकूला नदीके किनारे मनोहर नामके वनमें सागोन वृक्षके नीचे पत्थर की शिलार विराजमान थे। वहींपर उन्हें शुक्ल ध्यानके प्रतापसे घातिया कर्मोका क्षय हाकर वैशाख शुक्ल दशमीके दिन हस्त नक्षत्रमें शामके समय देवोंने आकर ज्ञान कल्याणकका उत्सव किया। इन्द्रकी आज्ञा पाकर धनपतिकुवेरने समवशरण धर्म सभाकी रचना की। भगवान महावीर उसके मध्यभाग में विराजमान हुए। धीरे-धीरे समवसरणकी बारहों सभाएं भर गई। समवसरण भूमिका सब प्रबन्ध देव लोग अपने हाथमें लिये हुए थे इसलिये वहां किसी प्रकारका कोलाहल नहीं होता था। सभी लोग सतृष्ण लोचनोंसे भगवान्की ओर देख रहे थे और कानोंसे उनके दिव्य उपदेशकी परीक्षा कर रहे थे। पर भगवान महावीर चुपचाप सिंहासनपर अन्तरीक्ष विराजमान थे उनके मुखसे एक भी शब्द नहीं निकलता था। केवल ज्ञान होने पर भी छयासठ ६६ दिनतक उनकी दिव्यध्वनि नहीं खिरी । जब इन्द्रने अवधि ज्ञानसे इसका कारण जानना चाहा तब उसे मालूम हुआ कि अभी सभाभूमिमें कोई गणधर नहीं है और बिना गणधरके तीर्थंकरकी वाणी नहीं खिरती। इन्द्रने अवधि ज्ञानसे यह भी जान लिया कि गौतम ग्राममें जो इन्द्रभूति नामका ब्राह्मण है वही इनका प्रथम गणधर होगा। ऐसा जानकर इन्द्र, इन्द्रभूतिको लाने के लिए गौतम ग्रामको गया। इन्द्रमति वेद वेदांगोंको जानने वाला प्रकाण्ड विद्वान था। उसे अपनी विद्याका भारी अभिमान था। उसके पांचसौ शिष्य थे। जब इन्द्र उसके पास पहुंचा - -
SR No.010703
Book TitleChobisi Puran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain
PublisherDulichand Parivar
Publication Year1995
Total Pages435
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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