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________________ (६५) झाता पाठमा अध्ययन मांयहो । भ॥ ॥१३॥ सुभाहुकुमर आदि दसजणारेलाल ।त्यां साधनि श्रः शणांदिक बहिरायहो ॥ भ ॥ त्यां बांध्यो पाऊषो मनुपरेलाल । श्रीविपाकसूत्ररे मांयहो ॥भाषु ।। ॥१४॥ प्राण मृत जीव सत्वनेरेलाल दुःख न दे उपजावै सोग नांहि हो ॥ भ ॥ अभूरणियां ने श्रटीप्पणियारेलाल । श्रपिट्टणियां प्रतापनदेताहि हो ॥भ । पु॥ १५ ॥ ए छहुं प्रकारे बांधै साता बेदनीरेलाल । उलटा कियां असाता बंधायें हो ॥भ ॥ इम भगवती शतक सातमेरेलाल । छट्टै उहसे कहयो जिनराय हो । में ॥ पु ॥ १६ ॥ करकस बेदनी बंधै जीवरै रेलाल । अठारह पाप सेंव्यां बंधायहो ॥ भ ॥ नहीं सेव्यां बंधै अकर कस बेदनीरेलाल । भगवती सातमा सतक छट्टा मांयहो ॥ भ.॥ पु ॥ १७ ॥ कालोदाइ पूछयो भगवानरेलाल । सूत्र भगवतीमें रेसहो ॥ भ ॥ कल्याण कारी कर्म किण विधः बंधेरेलाल । शात में शतक दसमें उद्देसहो ॥ भ।। पु॥१८॥ अठारह पाप स्थानक नहीं सेवियरिलाल । कल्याणकारी कर्म बंधाय हो । म ॥ अठारह पाप स्थानक
SR No.010702
Book TitleNavsadbhava Padartha Nirnay
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages214
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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