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________________ विषयानुक्रमणिका। २३ २४ २५ विषय पृष्ठ | विषय प्रथम गाथा-मंगलाचरण १ ब्राह्मणके १० प्रकार, देव, संस्कृतटीका ... ... २-१६ द्विज, मुनि, नृप। ... दानधर्मकी विशेषता, शीलमें वैश्य, शुद्ध, विलाव, म्लेच्छ, दानधर्मका समावेश, तपमें चाडाल, खर, अयोग्य दानधर्मका अन्तर्भाव। १७ ब्राह्मण, ब्राह्मण परम्परा। भावधर्म दान ही है, क्या साधु अब्राह्मण, ब्राह्मणोचित यज्ञ, भी दान देता है ? धर्म ब्राह्मणोचित तीर्थनान, रत्न, कर्मनाश करनेकी गुजराती अनुवाद। क्सोटी। ... ... १८ द्वितीय गाथा टीका ... वीरप्रभुकी स्तुति, उनकी भाषा टीका ... ... अनेक स्तुतिएँ और मेरा ज्ञान ... ... ... मसामर्थ्य । ... ... १९ दर्शन ... वीरप्रभुका गुणगान करते समय गुरुशिष्यकी बातें, चरित्र, ज्ञातपुत्र आचार्य और उसकी पह गुजराती अनुवाद ... चान। ... ... २० तृतीय गाथा- ... आचार्यके ३६ गुण, आचा सं० टीका, र्यको चतुर ग्वालेकी उपमा, भाषा टीका, उन्हें नमस्कार करनेका ३४ अतिशय, ... प्रयोजन, माचार्यकी विशे ३५ वाणी गुण, ... ... षता। ... ... . २१/ खेदज्ञ-क्षेत्रज्ञ-कुशल-आशुप्रज्ञजम्बू अन्तेवासीका सुधर्मा महर्षि, ... ... चार्यसे प्रश्न, ब्राह्मण, धर्म, गुजराती भनुवाद, ... ब्राह्मणलक्षण। ... २२. चतुर्थ गाथा-सं० टीका- ४८ ४९ ५३
SR No.010691
Book TitleVeerstuti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKshemchandra Shravak
PublisherMahavir Jain Sangh
Publication Year1939
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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