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________________ धर्मवीर लोकाशाह पूर्णिमा का पवित्र दिन बुद्धिमान् सद्गृहस्थो, आज परम पुनीत क्रान्तिधर. धर्मपरायण श्री लोकाशाह-जयन्ती का महान पर्व दिन है । आज कार्तिक शुक्ला पूर्णिमा है। पूर्णमासी का कितना बड़ा भारी महत्व है, कितने जीवों को इससे लाभ पहुंचा है, और आज कितने नये-नये काम हुये हैं, यह सारा इतिहास रखू, तो न मुझे सुनाने का समय है. और न आप लोगों को ही सुनने का समय है। अतः संक्षेप मे ही कहा जा सकता है कि आज की पूर्णिमा का दिन एक क्रांतिकारी धर्म पर वलिदान होने की कथा से परिपूर्ण दिन है, अतः इसे एक पवित्र दिन भी कह सकते हैं। आज लोकाशाह की जयन्ती है और गुरु नानक की जयन्ती है। सिक्ख लोगों मे और हिन्दू जाति में नया जोश पैदा करने का, हंस-हंसकर बलिदान होने का और गर्म तवे पर चीलड़े के समान तपने का काम नानक ने किया है। ऐसे-ऐसे समाज के लिए वलिदान होने वाले अनेक महापुरुषों की जयन्ती का आज शुभ दिन है। नाज के ही दिन साढ़े तीन करोड़ मुनिराजों ने संसार के बन्धनों को तोड़कर और कर्मों को दूर कर परमधाम मोक्ष को प्राप्त किया है। अतः परम पवित्र निर्वाण कल्याण का भी आज शुभ अवसर है । __ अतीत की झांकी भाइयो, मारवाड़ के सिरोही राज्य के ईशानकोण में स्थित अटवाड़ा ३६८
SR No.010688
Book TitlePravachan Sudha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMishrimalmuni
PublisherMarudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
Publication Year
Total Pages414
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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