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________________ नमस्कार मत्र का प्रभाव १६ और अनन्तकाल तक जगमगाता रहेगा। जो लोग श्रद्धा और भक्ति से इसका जाप करेंगे, वे नियम से सुफल को प्राप्त करेंगे। आप लोग यदि इस-भव और पर-शव म आनन्द प्राप्त करना चाहते है तो इसके भक्त वनो और श्रद्धा से इसका जाप करो। इसके जापकी जो विधि अभी बतायी गई है, तदनुसार इसकी आराधना करो। ये तवरात्रि ही इसके जाप-आरम्भ करने का सबसे उत्तम अवसर है। यदि इन दिनो बायबिल पूर्वक नवपद की आराधना करेंगे और श्रीपाल का चरित सुनेगे, तो आप लोगो को सदा आनन्द ही आनन्द रहेगा। वि० स० २०२७ आसोजसुदि ६ जोधपुर
SR No.010688
Book TitlePravachan Sudha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMishrimalmuni
PublisherMarudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
Publication Year
Total Pages414
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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