SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 101
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नाना टा mmmmmm चंबा चुन लावे | चलो ॥२॥ मदन ताप सब दूर करनको, पूजी सुख पावे || चलो ॥३॥ आतम आनंद मुक्ति कल्याणक, जय जयकार थावे ॥ चलो ॥४॥ - e स्तवन चो)। अथ श्री महावीर पालना ॥ चाल होरी ॥ त्रिशलादे गोद खिलावे ॥ टेक ॥ वीर जिनंद जगत किरपाल, तेरांही दरस सुहावे ॥ त्रि० ॥१॥ आ मेरे वाला त्रिजुवन लाला, तुमक ठुमक चल आवे ॥ त्रि० ॥५॥ पालने पोढ्यो त्रिजुवन नायक, फिर फिर कंठ लगावे ॥ त्रि० ॥ ३ ॥ आवो सखी मुफ नंदन देखो, जगत उद्योत करावे जे ॥ त्रि० ॥ ४ ॥ आतम अनुन्नव रसके दाता, चरण सरण तुम नावे ॥ त्रि ॥५॥ स्तवन पांचमुं। ॥ राग ठुमरी ॥ चलो लविजन जिन वंदनको, जिहां वीर जिनंद मुगति वरीयारे ॥ टेक ॥
SR No.010687
Book TitleAtmanand Stavanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKarpurvijay
PublisherBabu Saremal Surana
Publication Year1917
Total Pages311
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy