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________________ से निपट कर ही सामायिक करनी चाहिये क्योंकि कई स्थानों पर खुली जमीन नहीं मिलती। फिर टट्टी, पेशाव आदि को रोकना भी उचित नहीं कहा जा सकता क्योंकि शंका रोकने से जहां एक ओर मन वार २ उस ओर जाना संभव है तो दूसरी ओर इससे .. अनेकों रोग भी उत्पन्न हो सकते हैं। .... प्रश्न-८ रात्रि में शरीरादि ढक कर जाने का क्या कारण है ? · उत्तर- सूक्ष्म अपकाय (पानी) दिन-रात हर समय वरसता रहता है। दिन में तो सूर्य की गर्मी के कारण नीचे आने के पहले ही वह . सूख जाता है । किन्तु रात्रि की शीतल वेला में वैसा नहीं होने से . . . . उस पानी के जीवों की हमारे शरीर की गर्मी से सीधी हिंसा न हो, इस हेतु कपड़े द्वारा शरीर व सर को ढक कर जाते हैं । इसी . कारण रात्रि को सामायिक में खुली जगह अर्थात विना छपरे या खुली जगह पर वैठना भी निषिद्ध माना गया है। प्रश्न-६ जिस प्रकार पेशाब करने की इतनी विधि और सावधानी वतायी गई है, क्या कफ श्लेष्म (नाक का मल) त्याग की भी कोई विधि है ? ऊत्तर- सामायिक में कफ व श्लेष्म को भी यतनापूर्वक ही डालना चाहिए ज्यादा ऊंचाई से व विना देखे वैसे ही डालने पर उससे दव कर चींटी, मक्खी आदि जन्तु मर सकते हैं, इसलिए पहले नीचे जमीन को देख कर व रात्रि के समय पूज कर नीचे होकर (झुक कर) डालना चाहिए। फिर हो सके तो उस पर राख या अचित मिट्टी. डाल दी जाय जिससे वाद में उससे चोंटी आदि उलझ कर नहीं मरे और किसी का पैर भी नहीं भरे। प्रश्न-१० सामायिक में रुपया, पैसा, जेवर (चैन, अंगूठी आदि) व घड़ी आदि पास . __ में रख सकते हैं या नहीं ? उत्तर- वैसे तो ये सभी वस्तुएं परिग्रह में गिनी जाती हैं और परिग्रह नामक पांचवे पाप का सामायिक में त्याग होता है, इस कारण इन्हें पास में रखना कल्पनीय नहीं है । तथापि निकाल कर या उतार कर अलग रखना परिस्थितिवश सम्भव न हो तो इनका. आगार रख कर सामायिक ग्रहण करना चाहिये । पर रुपयों का लेन-देन तो कदापि नहीं करना चाहिए और न ही घड़ी को चावी __ लगाना चाहिए। प्रश्न-११ घड़ी, अंगूठी प्रादि हाथ में पहनी हुई रहे, इसी प्रकार चैन गले. में, रुपए 'अन्टी में पड़े रहें तो क्या हर्ज है ? . .: सामायिक - सूत्र / ७६
SR No.010683
Book TitleSamayik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanendra Bafna
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year1974
Total Pages81
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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