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________________ फूलोका गुच्छा। ९ नूतन-पुरातन । दोपहरको भोजन करनेके बाद प्रियवर्मा एक कमरेमें शयन कर रहे हैं और एक छोटासा बच्चा उनकी निद्रामें विघ्न डाल-डालके आनन्ददान कर रहा है। बच्चा वृद्ध मंत्रीका नाती है। यह तीन वर्षका बालक वृद्धकी छातीके सफेद बालोंकी एक, पांच, तीन कहकर गिनती करता है; मुँहमें उँगली डालकर देखता है कि बाबाके दाँत क्यों नहीं हैं, और पैजना पहने हुए छोटे छोटे पैरोंकी धूलसे उनके सारे शरीरको मैला करता है । वे शिशुके करस्पर्शसे आनन्दवश होकर नेत्र मूंद लेते हैं और जागते हुए भी स्वप्न देखते हैं। बालक 'बाबा बाबा' बोलता है और वे कुछ समयके लिए बुढ़ापको भूलकर अतीत यौवनके अतीत तीरका शैशवसुख स्मरण करने लगते हैं। उन्हें ऐसा मालूम होता है कि मैं फिरसे जन्म ग्रहण करके बालक हुआ हूँ और बालकोंके साथ खेल रहा हूँ। दिनमें गहरी नींद लेनेके बाद जिसतरह दिन-ढले प्रभातकालका भ्रम होता है, वृद्धको भी ऐसा ही भ्रम हो रहा है । वृद्धमंत्री जिससमय पुनर्जन्म ग्रहण करके स्वप्नमें मग्न हो रहे थे उसीसमय बच्चेकी माताने देखा कि बच्चा बड़ा उत्पात मचा रहा है । वह उसे उठा लानेके लिए आई; परन्तु वह उसके पास गया ही नहीं। बहुत कुछ समझाया बुझाया, पर उसने एक भी न सुनी। युवती शायद यह नहीं जानती थी कि इस संसारमें बूढ़े बाबाके जैसा मिष्ट पदार्थ दूसरा नहीं है ! कुछ समय ठहरकर युवती बालकको जबर्दस्ती खींचकर गोदीमें लेनेके लिए चली। अबकी बार बालकने एक झटकेसे उसके गलेका हार तोड़ डाला । विजयी बालकने हार छोड़कर जिससमय माके बाल पकड़े, उस समय वृद्ध मंत्री स्वप्नसे जाग गये । वे बोले-" रहने दे न बहू, जबर्दस्ती क्यों करती है ? मुझे यह कुछ तंग थोड़े ही करता है।" ___ वृद्धके मुँहकी बात मुँहमें ही थी कि इतनेहीमें युवराज चन्द्रगुप्त आ पहुँचे। वृद्ध मंत्री आदरपूर्वक उठके बैठ गये और युवती किसी तरहसे अपने बाल, छुड़ाकर भीतर घरमें चली गई। युवराजने हँसकर कहा-"चपला, तुम्हारा बच्चा तो बड़ी शैतानी करता है। अच्छा आओ बन्धु, मेरी गोदमें आजाओ।" युवराजने बच्चेका नाम रक्खा था बन्धु । पीछे बड़ा होनेपर भी वह बन्धुवर्माके ही नामसे प्रसिद्ध हुआ; यह बात इतिहासवेत्ताओंसे छुपी नहीं है।
SR No.010681
Book TitleFulo ka Guccha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1918
Total Pages112
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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