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________________ समाप्ति अपूर्वकृष्ण बी० ए० की परीक्षामें उत्तीर्ण होकर कलकत्तेसे अपने घर आ रहे हैं। उनके ग्रामके पासकी नदी यद्यपि बहुत ही छोटी है और इस कारण वर्षाके अन्तमें प्रायः सूख जाया करती है ; परन्तु इस समय, श्रावणका महीना है इससे, जलसे परिपूर्ण होकर ग्रामकी सीमा और बाँसोंकी झाड़ीके तलदेशको चूमती हुई बह रही है । ___ बहुत दिनोंकी लगातार वर्षा के बाद अाज अाकाश निर्मल हो गया है और धूप निकल आई है। ___ नावपर बैठे हुए अपूर्वकृष्णका अंतरंग यदि किसी तरह देखा जा सकता तो वहाँ भी हम देखते कि इस युवककी मानस-नदी नव वर्षासे दोनों तटोंको चूमती हुई प्रकाशसे झलमल झलमल और हवासे छलछल करती हुई बह रही है।
SR No.010680
Book TitleRavindra Katha Kunj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi, Ramchandra Varma
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1938
Total Pages199
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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