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________________ xxly Pandit Jugal Kishor Mukhtar "Yugveer" Personatity and Achievements - पूज्य उपायाय श्री ने विगत पाँच वर्षों में राष्ट्रीय स्तर की अनेक संगोष्ठियों को अपने मंगल आशीर्वाद से उपकृत किया और इस माध्यम से जैन विद्वानों को संगठित कर एक नई दिशा दी। आपके सामने जो भी ज्वलन्त सामाजिक व धार्मिक समस्या उठाई जाती है। उसके समाधान के लिए आप प्राणपण से जुट जाते हैं और अपनी साधना का बड़ा समय इसमें लगाकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए समाज को प्रेरित करते रहते हैं। जैन विद्वानों/वैज्ञानिकों/शाकाहारियों/डॉक्टर्स आदि के सम्मेलन के माध्यम से व्यसन-विमुक्ति आन्दोलन और मांस निर्यात का जबरदस्त विरोध करके आपने समय की नब्ज को टटोला है। शाकाहार संगोष्ठियों/लेख प्रतियोगिताओं आदि के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर छात्र/छात्राओं को शाकाहार के प्रति उन्मुख करना आपकी जीवन-साधना का प्रमुख अंग है। आपने विलुप्त जैन साहित्य एवं जैन ग्रन्थों का पुर्नप्रकाशन करवाकर बड़ा ही स्तुत्य कार्य किया है। जो ग्रन्थ अलभ्य हो चुके थे वे सुलभ बना दिये गये। बह आपका साहित्यिक-अनुराग अत्यन्त प्रणम्य है। लगभग 25 ग्रन्थों का प्रकाशन इसका परिणाम है। इस संगोष्ठी में लगभग 80 विद्वानों ने पूज्य पण्डित जुगलकिशोर जी मुख्तार सा. को भावाञ्जलि प्रस्तुत की और उनके कृतित्व पर गवेषणात्मकआलेखों का वाचन किया, यह विद्वानों के प्रति आपके वात्सल्य का द्योतक आपका हंसमुख बहुआयामी व्यक्तित्व-संत की महान प्रतिमा का दिग्दर्शन कराती है। मेरे विनम्र नमोऽस्तु ऐसे महान संत के चरणों में समर्पित है।
SR No.010670
Book TitleJugalkishor Mukhtar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalchandra Jain, Rushabhchand Jain, Shobhalal Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year2003
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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