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________________ स्वयम्भूस्तोत्र सूचना ब्रेकटके भीतर पद्याङ्कोंको देकर की गई है। स्तुतिविद्याके सम्बोधनपदोंको स्तवनक्रमसे (स्तवनका नम्बर पैरेग्राफके शुरूमें ही देते हुए ) रक्खा गया है और उनके स्थानकी सूचना पद्यातोंद्वारा पद्यसम्बन्धी सम्बोधनपदोंके अन्तमें तथा ब्रेकटके भीतर उन्हें देकर की गई है। १ स्वयम्भूमें प्रयुक्त पद-नाथ १४ ( २५, ५७, ७५, ६६, १२६ ), आर्य १५ (४८, ६८). प्रभो २० (६६), सुविधे ४१, अनघ ४६, जिन ५० (११२, ११४, १३७, १४१ ), शीतल ५०, मुनीन्द्र ५६ (८५), महामुने ७०, धीर ७४ (६०, ६४), जिनवृष ७५, अरजिन १०४, वरद १०५. ( कृतमदनिग्रह ११२), यते ११३, धीमन् ११७, भगवन् ११७, वीर १३६, मुनीश्वर १३८, मुमुक्षुकामद १४१. देव १४३ । २ देवागममें प्रयुक्त पद-नाथ ८. मुनीन्द्र २० । ३ युक्त्यनुशासनमें प्रयुक्त पद-जिन २ (४, ६, ३०, ३४, ५२, ६४.), वीर ३३, जिननाग ४४, मुने ५८ । ४ स्तुतिविद्यामें प्रयुक्त सम्बोधनपद (१) नतपीलासन, अशोक, सुमनः, ऋषभ ५; आर्य ( २६, ४७, ५४, ८८,६२)८; स्तुत १०; ईड्य, महोरुगुरवे १२; अतातिततोतोते, ततोततः १३; येयायायाययेयाय, नानानूनाननानन, अमम (६३), अमिताततीतिततीतितः १४; महिमाय, पद्मायास.. हितायते १५। (२) सदक्षर, अजर (८३. ११२), अजित, प्रभो (२७) १६; सदक्षराजराजित, प्रभोदय, तान्तमोह १७।। - (३) वामेश (८६, ८८, ६८), एकार्य, शंभव १६; जिन (२३, ६१, ६२), अविभ्रम २० ।
SR No.010650
Book TitleSwayambhu Stotram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1951
Total Pages206
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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