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________________ [कवि जान कृत पृष्ठ ५, पद्यांक ५४. क्यामखांन देवरे सीसोदिये..... चौहानोंकी शाखाओंकी यह सूचि महत्त्वपूर्ण है; किन्तु इनमेंसे कुछ अपने आपको अब । चौहान नहीं मानते । विषय गवेषणीय है। नैणसीके अनुसार चौहानोंकी निम्नांकित शाखाएँ थीं सोनगरा, खीची, देवड़ा, राकसिया, गीला, डेडरीया, बगसरिया, हाडा, चीया, चाहिल, सेलोत्त, बेहल, बोडा, बोलत, गोलासण, नहरवण, बैस, निर्वाण, सेंपटा, ढीमडिया, हुरडा, म्हालण और वंकट । कर्नल टॉडके अनुसार २४ शाखाएँ ये थीं चौहान, हाडा, खीची, सोनगरा, देवडा, पबिया, सांचोरा, गोहेलवाल, मदोरिया, निरवाण, मालण, पुरबिया, सूरा, मादडेचा, संकरेचा, भूरेचा, बालेचा, तरसेरा, चाचेरा, निकुंभ, रोसिया, चांदू, भांवर, बंकट । पष्ठ ६, पद्यांक ५८. राज किया है दिल्ली में मानक दे चहवांन...... दिल्लीमे मानिकदे श्रादि चौहानोंका शासन राजभाटों और कवियाको कल्पना मात्र है। विग्रहराज चतुर्थसे पूर्व दिल्लीमें चौहानोंके राज्यके लिये कोई प्रमाण नहीं दिया जा सकता। क्यामखां रासाकी वंशावली और घटनावलीका यह भाग अधिकांशमें कल्पित है। पष्ठ ७, पद्यांश ८२ से. घंघका अप्सरासे सम्बन्ध और उससे क्यामखांके पूर्वजोकी उत्पत्ति...... ऐसी कल्पित कथायें अन्य ऐतिहासिक व्यक्तियोंके विषयमें भी प्रचलित हैं। पृष्ठ १०. पद्यांक ११०, ताके गंगा वैरसी...... क्या यही ददरेवेका वीर चौहान है ? हम एक पोटीके लिये लगभग चौबीस वर्ष रखे तो गूंगा महमूद गजनवीके समकालीन बैठता है। पृष्ठ ११, पद्यांक ११६. तिहुंनपाल सुत ऊपज्यो मोटेराई सकाज...... - ददरेवेमे चौहानोंका राज्य पर्याप्त प्राचीन समयसे है । ढाक्टर टैसीटोरी द्वारा संपादित संवत् १२७० के शिलालेखमें मंडलेश्वर गोपालके पुत्र राणा जयतसिंहका उल्लेख है। (एशियाटिक सोसाइटी बंगालका मुखपत्र, पु० १६, पृ० २५५) पृष्ठ ११, पद्यांक १२७. उतरे हे हिसारमें श्राइ...... इस पर पृष्ठ ११४ की क्यामखांकी मृत्यु पर की टिप्पणी देखें ।। पृष्ठ १४, पद्यांक १६३. फौजदार करि क्यामंखा, सौंपी दिल्ली ताहि । __ यापुन दलबल साजिकै, चले ठटार्को साहि ॥ फिरोजसाह तुगलकने सन् १३६२ में ९०,००० मैनिक लेकर उटा पर अाक्रमण किया। सिंधियर्याने तुगलक सुल्तानका इतनी वीरतासे सामना किया कि उसे टटाका घेरा उठा कर
SR No.010643
Book TitleKyamkhanrasa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDashrath Sharma, Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1953
Total Pages187
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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