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________________ विपयानुक्रमणिका ७१ गाथा विषय पृ० ५४ उदयसे उदीरणामें विशेषताका निर्देश ३२२-३२४ ५५ जिन ४१ प्रकृतियोंमें विशेषता है उनका निर्देश ३२४-३२६ ५६-५९ गुणस्थानोंमें बन्धप्रकृतियोंका निर्देश ३२६--३३३ , कोष्ठक ३३३-३३४ मार्गणामोंमें बन्धस्वामित्वके जाननेकी सूचना ३३५ किस गतिमें कितनी प्रकृत्तियोंकी सत्ता होती है इसका विचार ३३६ उपशमश्रेणि विचार ३३७--३५९ अनन्तानुबन्धी चतुष्ककी उपशमविधि ३३७-३४५ विसयोजनाविधि ३४५-३४६ दर्शमोहनीयकी उपशमनाविधि ३४६.-३४९ चारित्रमोहनीयकी , ३४९-३५८ उपशमश्रेणिसे च्युत होकर जीव किस' किस गुणस्थानको प्राप्त होता है इसका विचार ___३५८-३५९ एक भवमें कितनी बार उपश्रमश्रेणि पर , चढता है इसका निर्देश .. . २५९
SR No.010639
Book TitleSaptatikaprakaran
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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