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________________ सप्ततिकाप्रकरण दण्डसमुद्रात द्वितीयस्थिति द्वितीयोपशम सम्यक्त्व ३७३ / यत्रतत्रानुपूर्वी ३४४ यथाप्रवृत्तकरण ६२ रसघात ३४१ ८१,३४५ ३७३ ३५३ पतग्रहप्रकृति पद पदवृन्द पश्चादानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी प्रकृति प्रकृतिपिकल्प प्रकृतिस्थान प्रथमस्थिति ३४४ ३ प्रदेश विसंयोजना वेदनाममुद्धात वैक्रियसमुद्धात श ३१९ श्रेणिगत १०० सत्ता सत्तास्थान ३१६ सदनुणोगद्वार सम्यक्त्व सम्यमिथ्यात्व सान्तरस्थिति सिद्धपद सिद्धिसुग्व सख्या अनुयोगद्वार सवेध ३२१ स्पर्शन अनुयोगद्वार ३७३ स्थान स्वामी ३२० स्थिति 1३५८ | स्थितिघात ३४० ३४८ ३,४४ १२,३ वन्ध वन्धकाल बन्धस्थान भ भवविपाकी भावभनुयोगद्वार ३८१ ३७९ मारणान्तिक समुद्धांत मार्गण मार्गणा मिथ्यात्व ३१६ ६,१०,१३ ३१९
SR No.010639
Book TitleSaptatikaprakaran
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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