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________________ ( ६१८ ) साहित्य के विकास पर भी काफी प्रकाश पड़ता है । हमारे प्रस्तुत अध्ययन के प्रसंग में उनका यह महत्व हमारे लिये सब से अधिक मूल्यवान है। पहले हम अशोक के शिलालेखों का संक्षिप्त विवरण देंगे, फिर उपर्युक्त तीनों दृष्टियों से उनके महत्त्व का विवेचन करेंगे। उनका वर्गीकरण काल-क्रम के अनुमार विसेन्ट स्मिथ ने अशोक के शिलालेखों को निम्नलिखित आठ भागों में विभक्त किया है।' (१) लघ गिलालेख--ये सात शिलालेख है, जो सहसराम, रूपनाथ, वैराट, ब्रह्मगिरि, सिद्धपुर, जतिंग रामेश्वर और मास्की नामक स्थानों में मिले है । महसराम विहार में है; रूपनाथ जबलपुर के समीप मध्य-प्रान्त में है; वैगट जयपुर रियासत में है; ब्रह्मगिरि, सिद्धपुर और जतिंग रामेश्वर मैसूर रियासत में है, और मास्की हैदराबाद राज्य में है। (२) भाब्रू शिलालेख-जयपुर रियासत में बैगट के पास मिला था। (३) चतुर्दश शिलालेख (ई० पू० २५६ के लगभग)--ये लेख पहाड़ों की चट्टानों पर खुदे हुए इन स्थानों पर मिले है, शहवाजगढ़ी और मनमेहर (पेगावर जिले में), कालमी (देहरादून जिले में), गिरनार (काठियावाड़ में), धौली (कटक के पास) और जौगढ़ (मद्रास-प्रान्त) (४) दो कलिंग लेख (ई० पू० २५६)---लिंग में पत्थर की चट्टानों पर खुदे मिले है। (५) तीन गुफा-लेख (ई० पू० २५७ और ई० पू० २५०)--गया के पास बागबर नाम की पहाड़ी में मिले हैं। (६) दो तराई स्तम्भ-लेख (ई० पू० २४९)---नेपाल की तराई में झम्मनदेई और निग्लिवा नामक गाँवों के पास मिले है। (७) सप्न स्तम्भ-लेख (ई० पू० २४३-२४२)---ये लेख स्तम्भों पर खुदे हुए इन छ: स्थानों पर मिले हैं (१) मेग्ठ (२) अम्बाला के पास टोपग । ये दोनों लेख दिल्ली में ले आये गये हे । (३) प्रयाग (के किले का स्तम्भ-लेख) १. ऑक्सफर्ड हिस्ट्री ऑव इंडिया, पृष्ठ १०३-१०४ ।
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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