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________________ ( ४७४ ) शासन-काल प्रथम शताब्दी ईसवी पूर्व है। डा० रमेशचन्द्र मजूमदार का मत है कि ९० वर्ष ईसवी पूर्व से पहले मेनान्डर का समय नहीं हो सकता।' अधिकतर विद्वानों की आज मान्यता है कि मेनान्डर का शासन-काल प्रथम बाताब्दी ईसवी पूर्व है। अतः अपने मूल रूप में मिलिन्द पन्ह' इमी समय लिखा गया, यह निश्चित है । चूंकि ग्रीक-शामन मेनान्डर के बाद गीघ्र भारत से लुप्त हो गया था और उसकी कोई स्थायी म्मति भारतीय इतिहास में अंकित नहीं है , अतः यदि 'मिलिन्द पञ्ह' की रचना को मिलिन्द और नागसेन के संवाद के आधार पर एक बाद के युग में लिखी हुई भी मानें तो भो वह युग बहुत बाद का नहीं हो सकता। हर हालत में 'मिलिन्द पह' की रचना ईमवी सन् के पहले ही हो गई थी२, और उसका आधार था ग्रीक गजा मेनान्डर और भदन्त नागसेन का ऐतिहासिक संवाद । 'मिलिन्द पह' की इस विषयक ऐतिहासिकता को प्रमाणित करने के लिए एक और दृढ़तर साक्ष्य भी विद्यमान है। भारत के करीब २२ स्थानों में (विशेषतः मथुग में) ग्रीक राजा मेनान्डर के मिक्के मिले है, जिन पर खुदा हुआ है "बेसिलियम मोटिरस मेनन्ड्रोम"। एक आश्चर्य की बात यह है कि इन सिक्कों पर धर्म-चक्र का निशान बना हुआ है, जो उसके बौद्ध धर्मावलम्बी होने का पक्का प्रमाण देता है। 'मिलिन्द पञ्ह' में भी हम पढ़ते हैं कि भदन्त नागसेन के उत्तरों से सन्तुष्ट हो कर गजा मिलिन्द उनमे अपने को उपासक (बौद्ध गृहस्थ-शिष्य) के रूप में स्वीकार करने की प्रार्थना करता है "उपासकं मं भन्ते नागसेन मारेत्थ” । ३ बाद मे हम वहीं यह भी देखते हैं कि गजा १. विंटरनित्ज : हिस्ट्री ऑव इंडियन लिटरेचर, जिल्द दूसरी, पृष्ठ १७४, पद-संकेत ३ में उद्धृत २. मिलाइये रायस डेविड्स्-क्विशन्स ऑव किंग मिलिन्द (मिलिन्द प्रश्न का अंग्रेजी अनुवाद), भाग प्रथम (सेक्रेड बुक्स ऑद दि ईस्ट, जिल्द ३५) पृष्ठ ४५ (भूमिका); विटरनित्ज : हिस्ट्री ऑव इंडियन लिटरेचर, जिल्द दूसरी, पृष्ठ १७५ ३. पृष्ट ४११ (बम्बई विश्वविद्यालय का संस्करण)
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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