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________________ आ. जो धम्म वितर्क से तो नहीं किन्तु - विचार से युक्त हैं (अवितक्क-विचारमत्ता) इ. जो धम्म न वितर्क और न विचार से ही युक्त हैं (अवितक्क-अविचारा) अ. जो धम्म प्रीति की भावना से युक्त हैं (पीतिसहगता) आ. जो धम्म सुख की भावना से युक्त हैं (सुखसहगता) इ. जो धम्म उपेक्षा की भावना से युक्त हैं (उपेक्खामहगता) ८. अ. दर्शन के द्वारा जिनका नाश किया जा सकता है (दस्सनेन पहातब्बा) आ. अभ्यास के द्वारा जिनका नाश किया जा सकता है (भावनाय पहातब्बा) इ. जो न दर्शन और न अभ्यास से ही नष्ट किये जा सकते हैं (नेव दम्सनन न भावनाय पहातब्बा) ९. अ. वे धम्म जिनके हेतु का विनाश दर्शन से किया जा सकता है (दस्सनेन पहातब्बहेतुका) आ. वे धम्म जिनके हेतु का विनाश अभ्यास से किया जा सकता है (भावनाय पहातब्बहेतुका) इ. वे धम्म जिनके हेतु का विनाश न दर्शन से ___ और न अभ्यास से ही किया जा सकता है __(नेव दस्सनेन न भावनाय पहातब्बहेतुका) १०. अ. वे धम्म जो कर्म-संचय के कारण बनते है (आचयगामिनो) आ. वे धम्म जो कर्म-संचय के विनाश के कारण बनते हैं (अपचयगामिनो) इ. वे धम्म जो न कर्म-संचय और न उसके विनाश के कारण बनते हैं (नेव आचयगामिनो न अपचयगामिनो) ११. अ. वे धम्म जो शैक्ष्य सम्बन्धी है (सेक्खा ) (लोकोत्तर मार्ग की सात अवस्थाएँ) आ. वे धम्म जो शैक्ष्य सम्बन्धी नहीं है, अर्थात् जिन्होंने __अर्हत्व की पूर्णता प्राप्त करली है (अर्हत्व-फल) (असेक्खा) इ. वे धम्म जो उपर्युक्त दोनों प्रकारों से विभिन्न हैं (अर्थात् उपर्युक्त आठ को छोड़कर बाकी सब) (नेव सेक्खा न असेक्खा) १२. अ. वे धम्म जो अल्प आकार वाले हैं (परित्ता)
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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