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________________ पं. श्री गौरीशंकर, हीराचन्दजी ओझा के पत्र किसी बुकसेलर से या किसी जैन संस्था से मिलती हो तो मेरे नाम पर कृपा करके V. P. द्वारा एक प्रति भिजवाने को लिख दीजिये। जैन साहित्य संशोधक के 1-40-49 में जिन सेना चार्य के हरिवंश पुराण के हवाले से ई० सन् २०० शक संवत् १२२ और विक्रम संवत् २५७ में गुप्त संवत् का शुरू होना लिखा है । यहाँ पर हरिवंश पुराण मिलना मुश्किल है। क्या आप कृपा कर हरिवंश पुराण की उक्त गाथाओ को भेज सकेंगे ? जिनमें उक्त कथन के अनुसार गुप्त संवत् का प्रारम्भ बतलाया है । विनयावनत् गौरीशंकर हीराचन्द ओझा (२) अजमेर २०-८-२४ विद्वद्वराग्रगण्य श्री मुनिवर्य आचार्य श्री महाराज श्री जिनविजयजी के चरण सरोजो में गोरीशंकर हीराचद ओझा का सविनय सादर प्रणाम् । आपका कृपा पत्र मिति भा० व० १ स० १९८१ का मिला। जोधपुर निवासी स्वर्गस्थ मुन्शी देवी प्रसाद जी ने मारवाड़ की मनुष्य गणना का कार्य करते हुए मारवाड़ की समस्त जातियो के वर्णन की दो बडी-बडी जिल्दें जोधपुर राज्य की मनुष्य गणना की रिपोर्टों के नाम से प्रकाशित की थी। वे कहां से मिल सकेगी यह मुझे ज्ञात नहीं है। परन्तु मेरे शिष्य साहित्याचार्य पडित विश्वेश्वर नाथ जी रेऊ ( ठिकाना चाद पोल दरवाजा, जोधपुर ) वहां भी म्यूजियम के क्यूरेटर हैं। यदि आप उनको लिखेंगे तो वे जहाँ से भी मिल सकेगी वहां दफ्ति कर आपके पास भिजवा सकेंगे । मूल्य १०) के लगभग होगा। भारतीय प्राचीन लिपि माला के अतिरिक्त मेरी प्रकाशित की हुई पुस्तकें सौलंकियो का प्राचीन इतिहास प्रथम भाग, सिरोही राज्य
SR No.010613
Book TitleMere Divangat Mitro ke Kuch Patra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherSarvoday Sadhnashram Chittorgadh
Publication Year1972
Total Pages205
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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