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________________ ३८ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात सेतबंध रांमेस लगो नव दीपां सायर' । झाड़खंड मेवाड़ खंड गुज्जर वैरागर, बागड़ महियड़ सहित खेड़ पावट पारक्कर । मुरधरा खंड अाबू मंडळ सहित पाल ईढहि सवै, सालवाहग जो एती सुपह भोम भेयटी भोगवै ॥४ सांसण कोड़ सवाय उभै हसती सो हैमर, दस्स सहँस दारक्क' सहँस दस भैंसा सद्धर । सहँस गाय सुवाय सहँस दस गाडर' छाळी", मांणो एक मोतियां वसुह दै मौज वडाळी । सालवाहण जेसळ-संभ्रम कवियां दाळिद्र कप्पियो, करि वीर मूठ बूजो सुकव थिर बारहठ थप्पियौ ।।५ चारण रतनरा बेटा बूजानूं रावळ सालवाहण गांव सांसण सिरवो .. कर दियो । पासणीकोटसू कोस २, पाणी पासणीकोट पीवै । रावळ कालण जेसळरो । वैजळ पर्छ पाट वैठो । वरस १८. राज कियो । कालणरो पेट जोर वधियो1° । जोधपुर रिणमलां माथै मंड11 त्यूं जेसळमेर कालणरा परवार ऊपर सारी साहिवीरी मदार' । धणो सारव कालणसू मिळे । अांक २ । बेटा ३ रावळ चाचगदे कालणरो। ७ ऊगो। ३ पासराव कालणरो। ८ मेहाजळ । .. ४ भूणकमळ आसरावरो। ६ देवो। ५ जांझण। १० अमरो। ६ भवणसी। ११ तेजसी। ६ थिरो १२. आसो। १३ अजु । इणांरा गांव १२सूं भांभेरो ऊमरकोटरै मारग । .. ____ I सागर । 2 भाटी । 3 घोड़े। 4 ऊँट। 5 भेड़। 6 बकरी। 7 चारसौ भरीका एक माप । 8 दान । 9 सिरवा गाँव शासनमें दे दिया। 10 कालणका वंश खूब बढ़ा। II जिस प्रकार जोधपुरमें रिणमलके वंशजोंका फैलाव और आधार। 12 उसी प्रकार जैसलमेरमें सारी साहिबीका अाधार कालणके परिवारके ऊपर है। 13 वहुत-सी शाखायें कालणसे मिलती हैं। 14 इनके १२ गाँवोंके साथ भांभेरो गांव ऊमरकोटके मार्गमें। ... ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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