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________________ १६० ] मुंहता नैणसीरी ख्यात ५ हरराज करमसीरो। ६ सांईदास हरराजोत । ७ राघो। ७ रायसिंघ। ३ देदो भैरवदासोत । ४ वैणो देदावत । ५ सूजौ वैणावत । आसरानड़ो पटै । ६ नारणदास सूजावत । आसरानड़ो आधो, पछै साबतो पटै' । . ६ रामदास सूजावत । ५ मूळो वैणावत । ६ पतो मूळावत । आसरानड़ो अाधो पटै । ७ स्यांमदास । ७ नरसिंघ । ७ मुकंददास । ६ पंचाइण मूळावत । आसरानड़ो अाधो पटै । ४ पीथो देदावत । । ५ कचरो पीथावत । वैणीदास पूरणमलोतरै वास । ५ सांगो पीथावत । रा॥ लखमण नारणोतरै साथै काम आयो । ३ वरजांग भैरूंदासोत । राव मालदेजी सूर पातसाह कनै एक ..... प्रोहत नै एक वरजांग दोनूं ही नूं परधान मे लिया था, सु पातसाह पकड़ बंदीखांनै दिया । पछै सूर पातसाह मुंवो जदी छ ट आया । भा।। वरजांग औरवदासोतनूं जोधपुररै वास वैराई, महेव पटै दी। वरजांगरो करायो बैराईमें 'तळाव वरजांगसर छ । कोहर १ वरजांगसर छै। . महेवमें जोगीरो पासण वरजांग करायो । ___1 सूजे वैणावतको अासरानडो (ग्रासा-रो-नाडो ?) गांव पट्टे में। 2 नारायणदासको पहले आसरानडो अाधा और फिर सम्पूर्ण पट्ट में । 3 कचरा पीयावत, वैशीदास पूर्णमलोनके यह नौकर । 4 नारायणके बेटे रा।। लखमरणके साथ सांगा पीयावत काम आया। 5 राव .... मालदेवजीने सूर वादशाहके पास एक पुरोहितको और एक वरजांग, दोनों ही को अपनी ओरसे ... प्रधानके (प्रतिनिधिके) रूपमें भेजा था, लेकिन वादशाहने उन्हें पकड़ कर जेल में डाल दिया। जब सूर बादशाह मर गया तब वे छूट कर पाये। 6 बरजांग भैरवदासोतको, जब वह जोध- ... पुरमें चाकरीमें रहा तब बैराही और महेव गांव पट्ट में दिये । 7 वैराही गांवमें बरजांगके बनवाये हुए बरजांगसर नामका एक तालाव और वारजांगसर नामका ही एक कुंपा है। 8 महेब गांवमें वरजांगने एक जोगीका प्रासन वनवाया । .
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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