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________________ १७४ मुंहता नैणसीरी ख्यात ५ सांवळदास कलावत । कीझरी पोईसांरी पटै । सं० १६७१ . अजमेर गोयंददासजी कांम आया तद पूरै लोहड़े पड़ियो। पछै संमत १६८३ पूरबसूं प्रावतां राम कह्यो । ६ मानसिंघ सांवळदासोत । ७ जसवंत । ७ लाडखांन । ७ वीको । ६ भोजराज सांवळदासोत । ६ नरसिंघदास सांवळदासोत । . ६ भोपत सांवळदासोत । ६ मुकंददास सांवळदासोत । । ४ मेहाजळ नारणोत, वीरांणी पटै । ५ किसनो मेहोजळोत । वीरांणी पटै । संमत १६६२ मांडवांरी वेढ काम प्रायो। ७ नरहरदास । ३ बलू । ५ कचरो मेहाजळोत । संवत १६५२ सूरजवासणी पटै । पर्छ, किसनसिंघजीरै वसियो। पछै संमत १६७२ वळे पाछो प्रायो, तद काभड़ो पटै दियो। पछै विकूकोहर पांणीरी तोण वेई माहोमांह बोलाचाली हुई तद भाटी अचळदास मारियो । ६ प्रथीराज कचरावत । ६ मोहणदास । ६ मुकंददास कचरावत । ६ जोगीदास कचरावत। ६ अासो कचरावत । . ५ रामसिंघ मेहाजळोत । संमत १६६२ खारी लवेरारी पटै । ४ सारंग नारणोत । ५ नेतसी । ५ गोपो। ५ सकतो। ५ रिड़मल । ६ गोकळ । ६ किसनो । ३ दुजण जोधावत । राव मालदेजी नागोर लीवी तद कांम आयो। .. 1 ओईसांका कीझरी गांव पट्टे में । संवत् १६७१में अजमेर में जब गोयंददासजी काम आये तब यह पूर्ण घायल होकर गिर गया था। पीछे संवत् १६८३में पूर्वसे पाते हुए. मर गया। 2 मेहाजलको वीराणी गांव पट्टे में। 3 संवत् १६६२में मांडवोंकी लड़ाई में काम पाया। 4 संवत् १६५२में सूरजवासगी गांव पट्टेमें। पीछे किशनसिंहजीके यहां रहा । फिर संवत् १६७२में जव वापिस आगया तो काभड़ा गांव पट्टे में दिया। पीछे विकू कोहरमें पानी और कुयां-चरसके लिये परस्पर विवाद हो गया तव भाटी अचलदासने कचराको मार दिया । 5 संवत १६६२में लवेराको खारी गांव पट्टे में। 6 राव मालदेवजीने नागोर पर अधिकार किया उस समय दुर्जन काम पाया ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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