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________________ १३८ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात भोजराजोत चाडीरो धणी कटक साथै हुतो', तिणसू असखेधो करने चाडी ऊपर आयो । तठे तीन वेढ जीती। एकतो रा।। प्रथीराज . भोजराजोत चाडी गांवरै खेड़े काम प्रायो । कलो रतनावत गांव करणूरो धणी, पातावत कितराइ साथसूं वाहर रिणमलसर कनें आपडियौ , तठे वेढ हुई । कलानूं कूट लोहडै पड़ियो', कलारी अांख गई। . वेढ जेसै जीती । पाघा खडिया' त? पोकरणरो साथ रावरै थांणैरो. रा।। भोजराजरो बेटो रांणगदे हुतो, सु साथ लेने आपड़ियो', नै फळोधी थांण रावरै भाटो धनराज खींवावत कलेण हुतो, तिके बेऊ11 साथ गांव लाखासर वीकानेररै आपड़ियो, तठे वेढ हुई; राव रांणगदे भोजराजोतरा आदमी १७ काम पाया। आप पूरे घावै पड़ियो, . ऊबरियो । भाटी धनराजनूं भाटीए राख लियो । वेढ आही जेसै .. जीती14 । यूं तीने ही वेढ जीती। __ केहीक यूं पण कहै छै16-राव जेसो केईक दिन जोधपुर राव मालदेरै वास हुतो' । परगनै मेड़तेरो गांव रायण पटै थो। पातावतांरो भाणेज हुतो18 | केईक दिन चोटीलै रह्यो थो, तद पातावते घणा हीड़ा किया। गीतरो द्वाळो राव जेसारो' अणभागो कळह सील सत इधकै , असुर घड़ा चोरंग चढ एम । I और चाडीका स्वामी राव भाण भोजराजोत सेनाके साथमें था। 2. जिससे झगड़ा करके चाडीके ऊपर चढ पाया। 3 वहां पर तीन लड़ाईयोंमें विजय प्राप्त की। 4 चाडी गांवमें (के बाहरी प्रदेश में) काम आया। 5 वाहर (पीछे) चढ कर के रिणमलसरके : पास पकड़ा। 6 कलाको मार कर घायल कर दिया । 7 आगे चलाये। 8 वहां । 9 पकड़ा। 10 और । II दोनों। 12 स्वयं पूर्ण आहत होकर गिर पड़ा, किन्तु वच गया। 13 भाटी धनराजको भाटियोंने बचा लिया। 14 यह लड़ाई भी जैसेने जीत ली। .. 15 इस प्रकार इसने तीनों ही लड़ाईयोंको जीत लिया। 16 कई लोग इस प्रकार भी... कहते हैं। 17 चाकरीमें था। 18 पातावतोंका भानजा था । 19 तब पातावतोंने इसकी " वहुत सेवा की। 20 राव जैसाके संबंधमें कहे हुए गीत (छंद)का एक पद्यांश । . . . .
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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