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________________ १३६ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात प्रोहितांरा धड़ा २-एक वडो, एक लोहड़ो। सोळंकियांरै-सोळंकियांवाळो। सोमांरै-१ ग्रावधी, १ वजू, १ कूपासर, १ पीथासर।। मूळावत रिणधीररा पोतरांरै-१ जसूवेरो। डाहळियां-रजपूतांरो गांव नगररै कोहर किडांग पीवै । नायारे-१ नायांरो-कोहर। सिरहड़-वडी-पैहली पाहुवांरै हुती', पछै राव सूरसिंघ आपरा भाई ईसरदासनूं दी। जैतुंगांरै-१ कोळियासर । १ गिरराजसर । १ नगराजसर । १ चिहु । १ वहदड़ो। १ जुढियो सेवड़ो। चारणांरै गांव ३ २ गाडणारै-१ खंडोखळी, १ मेघांरो, १ देपारो। (३) १ कन्हियांरै-वरजांगरो। १ रतनुंग्रारै-बुढारो गांव । सिरहड़-वडी-पहली पाहुवांरै हुती', पछै जसहड़ानूं दी थी । हमैं . भांनीदासरा वेटा वसै । कोहर १८, तळाई घणी। वावडी' भा।। दळपतवाळी । वेरा' पुरसे ४ । पारमें पांणी घणो मीठो । वाय11 २, पांणी पाररै वेरै पुरस ४, पांणी मीठो । तळावमें घड़ासर भरै तो पांणी वरस १ रहै । । छोटा। 2 डाहलियों राजपूतोंका गांव नगरके लोग किडाणा गांवके कुएंका ... पानी पीते हैं । 3 बड़ो सिरहड़ गांव पहले पाहुवा-राजपूतोंका या। 4 अपने। 5 चारणोंके तीन समूहोंके गांव । 6 गाढण-चारणोंके अधिकारमें सिरेमें दो गांव वताये हैं किन्तु पेटेंमें उक्त तीन गांव दिये हुए हैं। 7 थी। 8 अव भानीदास के बेटे रहते हैं। 9 वापी, वावड़ी 10 कुएँ । II वापी। 12 तालाब में घड़ोंसे ही (केवल पीनेके लिये) पानी भरा जाय तो १ वर्ष तक पानी रहे।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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