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________________ १२४ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात भागचंद | रामचंद | ८ भगवानदास सीहावत । जसवंत । १० रामसिंघ | जगदे । १० हरिसिंघ । भां सोहावत । ८ सुरतांण । ६ बलू | दो । ६ प्राग दास । १० अखैराज | ७ लिखमीदास धनराजरो । भटनेर कांम ग्रायो । ८ कल्यांणदास | C लाडखांन, वीकानेर वास । सोवांगियो पटै' । दो ७ इंगरसी धनराजरो । करमसी । भैरवदास । खींव । ( ८ करमचंद ।) ५ वाघो सेखारो | इण राव हरा सेखावत ने हैसे ३ पूगळ में हापासर लारै गांव १४० वटाय लिया । ६ भाटी किसनो वाघावत । इणरावांसला किसनावतभाटी कहावे है " । त्रीकानेर वांसें घोडो खड़े 1 फळोधी मोटा राजानूं थी 5 तद मोटा राजारा वास" | कहावतनूं ग्राधी फळोची दीवी थी । 6 ७ तेजमान । ७ रायसिंघ । ७ मालो । ७ रायमल | तेजमाल किसनावत वंडो घाट, वडो रजपूत हुवो' । = ठाकुरसी तेजमालरी | C अखैराज | लाखणसी । ८ भांण तेजमालोत । ६ रतनसी । 8 १० करमचंद टीकँ । ९ प्रथीराज । ययल ( ? ) (दयाळदास) रांगो तेजमालोत | ८ खंगार तेजमालोत । ६ सूरजमल । ६ दयाळ | भींवराज़ | 2 इसने हरा शेखावत के । चलाता है। 5/6 जव 1 लाडखान, बीकानेर में चाकर ग्रोर सोर्वागिया गांव पट्टे में । पाससे पूगल प्रदेश के १४० गांव हापासरके पीछे बँटवा कर ले लिये वत-भाटी कहलाते हैं । 4 बीकानेरके ( महाराजाके) पीछे घोड़ा फलोधी पर मोटा राजाका अधिकार था तब यह मोटा राजाका चाकर था और कहने मात्रको आधी फलोधी इसे दी गई थी। 7 तेजमाल किसनावत, सुंदर और बड़े कदका और बड़ा वीर राजपूत हुआ । 8 करमचंद गद्दी बैठा । 3 इसके वंशज किसना
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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