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________________ १२० ] मुंहता नैणसीरी ख्यात ६ कुंभो। ६ मेघराज । ८ नेतसी रामोत। ८ तेजसो रामावत । ६ नरसिंघ । ६ उदेसिंघ पंचाइणरो। ८ संकरदास रांमोत । ८ मनोहरदास । ८ मोहण६ वेणीदास । ६ गोकळदास। दास। ६ कन्हीदास। ६ सबळ- ६ द्वारकादास मनोहरसिंघ। दासोत। ८ नरहरदास रांमरो। ८ ईसरदास । ८ प्रागदास जगमाल वैरसलोतरो पेट अठा वांस - ४ जोगायत वैरसलरो। तिणनूं भाईवटै केहरोर प्रायो, नै वरसलपुर माहै हैंसो हुँतो । जोगायत वडो प्रळे-दातार हुवो। वडा-वडा दान दिया । पछै साथरैरी मौत मुंबो। पछै केहरोर तुरले लियो । इणरै वासै इसड़ो को न हुवो' । दूहो-जोगायत जीआर, पांना उथळसी परम ।। तोनै बीजी त्यार, वेहरो होसी वैरउत ।। १ ४ तिलोकसी वैरसलरो। ५ सहसो। ६ अखैराज । ५ भैरवदास, मरोट धणी हुतो। पछै भैरवदास मुंवो, अउत गयो । तरै राव जैसे मरोट लीवी। ४ राव सेखो वैरसलरो। पूगळ धणी । एक वार इणनूं मुगले... मुलतांण दिस ले झालियो, तद रावजी श्री वीकेजी छोडायो। .. ५ राव हरो सेखारो, पूगळ धणी । पूगळनूं गांव ३५० लागता, तिण माहै हैसो ३ भाई11 । वाघे सेखावत गांव हापासरतूं वंटाय गांव I रामका वेटा नेतसी। 2 रामका बेटा शंकरदास । 3 इसके बाद जगमाल वैर-.. सलोतका वंश। 4 वैरसलका बेटा जोगायत, इसे भाईवटमें केहरोर मिला और वरसलपुरमें ..... भी भाग था। 5 जोगायतं बड़ा जबरदस्त दानी हुआ । इसने बड़े-बड़े दान दिये। 6 अपनी मौत मरा। 7 इसके पीछेके वंशजोंमें ऐसा कोई नहीं हुआ। 8. फिर भैरवदास अपुत्र मर . गया। 9 एक बार इसको मुलतानकी ओर मुगलोंने पकड़ लिया था तव राव बीकाजीने छुड़वाया था। 10 राव हरा शेखाका पुत्र, पूगलका स्वामी । II पूगलके पीछे ३५० गांव ... थे, जिनमें तीन भाईयोंका हिस्सा । (पृ० १११ में शेखाके वंशजोंके बँटवाड़ेमें पूगलके गांव ३६० और उनके चार हिस्से किये गये, बताया गया है ।) .....
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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