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________________ २५६ ] राजस्थान पुरातत्वान्वेपण मन्दिर - - - - - क्रमांक ग्रन्थाङ्क प्रन्थनाम कर्ता भापा | लिपि- पत्रसमय | संख्या विशेष ८६ रागू० १७वीं श. १६३वां पत्र चार है। , ,,८२-८३ २८६३ | गुजा कंचनसंवाद (१०३) ११२३ गुडीपारसनाथ छंद कुशललाम (२३) १८८२ गुणनाममाला (१६६) २३४१ | गुणसागर की छप्पै | गिरधर (१) २०२३ गुणसागरभास वहि० १६वीं श. १०४ २०वीं श. . रागू० १७३४ | ३-६ ३५७५ गुरुजी गुहली २०वीं श. ३०७यां प्रीतिविमल " " , १०४ १८६४ ५ रायपुर में लिखित। | समयरग राज० १६वीं श ७४-७५ ३५७५ गौड़ीजिनस्तवन (२५) १०६२ गौड़ीजीरोछद ३५७५ गोडीपार्श्वजिनचौदा स्वप्नस्तवन ११२२ गौड़ीपार्श्वछंद २०५१ | गौड़ीपार्श्वछंद गौडीपार्श्व युद्धस्तवन | गौडीपार्श्वस्तवन (५६) | रूपसेवक प्रीतिविमल | नेमविजय रागू० १८वीं श. गजपाटक मे लिखित । - | राज० १८३८ | १-२ कालूग्राम मे लिखित । रा०गू० १८२६४ स०१८०७ म रचित । सस्कृत | १८८४ | २४से२८ भागवतगत-। गोपिकागीत २ गोपिकागीत , १६वीं श. ६७-७१ भागवतगत । व०हि०, , २ २२१६ गोपीकृष्ण भ्रमरगीत स्नेहलीला | गोपीचन्द राजा पद ३५४६ | गोरखनाथजीरो छद (३) ३५४६ गोरभजीरो छद " " ११ वा - - - - - - - - - - - -
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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