SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 255
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क्रमांक प्रन्थाक प्रन्थनाम ११३ | १७२४ परिशिष्टपर्व ११४ ४६३ | पाडवचरित्र ११५ | १५३२ पांडवचरित्र ११६ | १६६३ पांडवचरित्र ११७ | १७०३ | पांडवचरित्र ११ = | १९६६ | पांडवचरित्र संक्षेप (पांडवचरित्रोद्धार) १२० २६ ११६ | ३४१५ पार्श्वनाथचरित्र पुण्यसारकथा १२१ | २३७५ | पुष्पसेनपद्मावतीनी वारता (१) १२२ | १८८५ | पूर्णवासी की कथा (२) १२३ ४६६ पौपदशमी कथा १२४ | ३४७६ | प्रकीर्ण कथा १२५ | १७०० प्रद्य म्नचरित्र १२६ | १७०५ | प्रद्युम्नचरित्र १२७ २६६१ | प्रद्युम्नचरित्र १२८ | १७२० | बप्पभट्टि चरित्र १२६ | २६४७ वप्पभट्टीप्रबन्ध १३० १८५२ वलिचरित्र (३७) कथा-वार्तादि कर्त्ता हेमचन्द्र देवविजय देवप्रभ 23 हेमचन्द्र पत्र लिपि - समय संख्या संस्कृत १७त्रींश. १०७ सोमकीर्ति समरकीर्ति रविसागर भाषा लालदास " 33 99 "" " 39 जिनेन्द्रसागर संस्कृत १८२८ राज० १६वीं श. स० १७१० 36 १७४६ १७६६ " सांभलदासभट्ट गूर्जर १६०६ १६० गुटका । " १६वीं श. २३७ १५वीं श. | १६वीं श. 29 चरित्रगत । १७६६ १६५ - | फलधीपुर में लिखित । १७त्रीं श. " १८०७ ० हि० १८वीं श . ५१ से८६ गुटका । श्रबेर में लिखित | मंदिरा विन्दर में लिखित । २६६ १२६ १७वीं श. ८५ " "" ५० २ १८वीं श| १५८ ५ ६ १२८ विशेष किंचत् पूर्ण । त्रिपष्टिशलाका पुरुष व्रज १६वीं श ३३-३६| २४३ ] त्रिपष्टिशलाका पुरुष चरित्रगत | पत्र १-२ चित्र है । स० १५३१ में रचित । सं० १५३१ में रचित । १७. प्लेट२८ | फोटो कापी पूर्ण । अमदाबाद नगर में लिखित । खगार राजा शासित मांडलि नगर में स० १६७५ में रचित । .
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy