SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 254
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ २४२ राजस्थान पुरात्वान्वेपण मन्दिर on - - - - - - - - - - - - लिपि- ममांक ग्रन्थाङ्क अन्यनाम | कर्ता पत्रसंख्या विशेष ममय ६६ | १८८१ | नलराजा की बात राज. १६वीं श| १-२५ | पत्र १, २ अप्राप्त । १९०६ / १७६- | मोरवी में लिखित । नापिकनीवार्ता सांमलदास भट्ट ३५५५ नासकेतकथावालावबोध EE | ३५६३ | नासकेतर खेसरजीरी (२) कथा ३५७३ / नासकेतु कथा १८२७ | १-६ संग्रामसिंह शासित कंटालिया में लिखित। " १६८६ / ६४-७३ प्रस्तुतकृति पूर्ण कर अन्त मे लेखक ने सुभापित दोहे लिखे हैं। " १६वीं श. १०२- | जीर्णप्रति । १०६ मू स.टी. १७३८८ हरमाने में लिखित। व्रज. . स० १९वीं श |" १६वीं श. १११ त्रिपष्टिशलाका पुरुषचरित्रान्तर्गत नासकेतूपाख्यान सटीक नृसिंहचतुर्दशीव्रतकथा नेमिनाथचरित्र ,' | हेमचद्र १५३४ | पंचतन्त्र | देवशर्मा २८३१ | पचतन्त्रादि वार्ताए गद्य राज. १८वीं श. १३६ गुटका। पत्र १,२ अप्राप्त । अपूर्ण प्रति । १०६ | २०३१ पचमीकथा गद्य १०७ १७०६ । पचास्थान ३५५४ पचख्यानवालावबोध | विष्णुशर्मा १७८० १७६२ १८८५ | १-५४ CE पंचल्यानभापा । १८वीं श. १-२७ पनरमीविद्यावारता वीरचंद १८६१ | १-१७ (१) सं. १७६ में रतनपुरी में रचित । ३५५५ | पनरमीविद्यावारता १८वीं श| १०३ ११४ २२१२ पनरमीविद्यावारता
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy