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________________ रास २०५१ ___ क्रमांक ग्रन्थाङ्क ग्रन्थनाम कर्ता लिपि- | पत्रसमय | संख्या विशेष | समयसुन्दर दानशीलतपभावना (२) सवाद रा० गू० १७८३ | ६-१२ | सं. १६६२ में सांगा | नेर मे रचित । मगर मारवाड़ में लिखित। " | १७०५ ६ स. १६६२ में सांगा नेर मे रचना। १६वीं श. ३१-४२/ " २०८६ २३७४ दानशीलतपभावना सवाद दानशीलतपभावना सवाद दानशीलतपभावना संवाद १८१८- ३२७१ | दानशीलतपभावना संवाद १८२ ३५७३ / दानशीलतपभावसवाद " | ३५७५ | दानशीलतपभावसंवाद " कृष्णगढ़ मे लिखित। संवत् १६६२ में सांगानेर मे रचित । सं. १६६२ में सांगानेर में रचित । गुटका । रास पूर्ण होने के बाद सज्मायादि पद लिखे हैं। सं.१६६२ में सांगानेर में रचित। जीर्णप्रति । १७३- स १६६२ में सांगा नेर मेरचना। ४ संवत् १६६२ मे सांगानेर में रचित। उदैपुर में लिखित । ४ संवत् १६६२ में सांगानेर में रचित । १-६ स १६६३ में राडद्र हनगर में रचित। सं १८२४ में अजीम . गंज में रचित । विक्रमपुरमे लिखित । २४ खेरालुनन में लिखित । १८१ दानशीलतपभावना संवाद १८वीं श " " १६वीं श | ३६२७ / दानशीलतपभावना संवाद दामनकचौपई (१०) | २१७६ | दामनकतौपाई | दयाशील १६७६ चारित्रसुन्द १८८३२७२ देवकीना ढालीयां गू० १८६१
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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