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________________ २०४ ] राजस्थान पुरातत्वान्येपण मन्दिर । पना क्रमांक प्रन्याङ्क प्रन्यनाम फर्ता भाषा लिपि विशेष समय मागा १६३ अविचल जनगर में निम्मित। ६१३ ढुंढ रुपवाडो १६४ ११४४ ढोलामारवणी चोपाई रागृ. १८७६ | रा १६वीं श, मेर: १६५ २२०७- दोलमारूरी दूदाबंध १६६ / ३६७३ / त्रिभुवन कुमाररास उलमसागर १६७ ३८८५ त्रिभुवनकुमार रास " १८८८ । गुनगमर मे लिन्ति । रामू १७६३ - २१ कृत भाजामाम में लियन सं१७१२ में परमिन्दर में रनिता जी श. २६ . नोमती नगर में लिवितान. १७१२ 'मं पुरविन्दर में रचिना , २०यींश: ३११- ; महिनापुर में संपन ! ३१६ १८४७ में रचना। १६८ | ३५७५ थापच्चामुनिचोढालियो, क्षमाकल्याण १६६ - २२२८ थावच्चामुत चोपाई १७० | ३८८८ थावच्चासुत चोपाई २१०१ दानलीला दानलीला ।, १८वीं श.. १७ मं०१७.७ में बीपा नर में रचित समयमुन्दर " , २५ . २०१६६१ में पं (ब) भाइन में पा (पा) स्यारत में रचित। " वीं ॥ १ ला नारायणदास नाहि. १७वीं श. ४१-25 वडोदरी समयसुन्दर |, रवीश ४ ०१६६२ में सांगा नेर में रचना। श. ४ ०१६६२ नं सांगा नर में रचना। म० १६६२ सांगानेर मे रचना। " १२६ ३२-४० गुटका । सं०१६६२ सागानयर में रचना। | दानशील तप भारना संवाददानशील तप भावना सवाद दानशील तप भावना संवाद दानशील तप भावना सवाद
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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