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________________ - रास " १६३ क्रमांक ग्रन्थाङ्क -प्रन्यनाम . - | " कर्ता । भाषा लिपि-- पत्रसमय | संख्या विशेष " १७२२/ ६।३६६७ ।। अंजनासुन्दरी चोपाई। भुवनकीर्ति रागू०।१८५६ २२ बीकानेर मे लिखित | सं० १७०६ में राणा श्रीजगतसिंहजी के प्रधान केशरीसिंह के छोटे भाई भागचद की प्रार्थना से उदयपुर मे रचित । __ , १०० ३८७७ : अंजनासुन्दरी चोपाई। भुवनकीर्ति , १८७४ । २१ । सं० १७.६ में उद 'यपुर में रचित । ११ २२२३ अंजनासुन्दरी चोपाई । " २७ । सिरुवंज मे लिखित । उदयपुर नरेश श्री जगतसिंह जी के अमात्य श्री हेमराज 'के छोटेभाई भागचद की प्रार्थना से रचित । १२ | १८२० अजनासुन्दरी रास' मालमुनि (१) , १७वीं श ७ १३ -३८६२ . अजनासुन्दरी रास पीपाड नगर में लिखित । " १४- २८६३ अढारनातराचोपाई । हीरकलश , । १७वीं श.६१से६४ कर्ता द्वारा स्वय लिखित । अनाथीसघी खेमो । १७५६ | '४ स. १७४५ में कल्या. णपुर में रचित । - १६ | ११२४ | | अभयकुमाररास ११२४ अमरतेतराजा धर्म- रतनविमल । , | १६७५ २से१८ स. १६०६ में (१)- बुद्धिमंत्रीरास रचना। प्रथम पत्र अत्राप्त । १८ | २०१७ | अभसेनवयरसेनचोपाई, जयरंग , | १७७० सं० १७०० (१७१७) (१) मे जैसलमेर मे रचना । पत्तन मे 'लिखित। १६ ३८६३ अमरसेनवयरसेन- पुण्यकीर्ति , १८वीं श. १५ । सं० १६६६ मे चोपाई सागानेर मे रचित । : : : रत
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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