SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 188
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७६ ) राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर क्रमांक प्रन्थाङ्क ग्रन्थनाम कर्ता भाषा लिपि- पत्र समय | संख्या विशेष | ३८३१ वैद्यजीवन सस्तवक | लोलिम्बराज मू सं.स्त. १८६५ ३७ लूणासर में लिखित ७२८ | वैद्यजीवन सार्थ ७२६ वैद्यजीवन सार्थ १८२५ । ५ वैद्यमनोच्छव नयनसुख १०६ | ७१३ वैद्यमनोच्छव १०७ ७२६ वैद्यमनोच्छव " " १०८ २३६३ वैद्यमनोच्छव " " १६वीं श किंचित् अपूर्ण। ३२) मुनराबदिर मे लिखित । वहि० १८१६ | ___५६: देवपुरी में लिखित। संम्वत् १६४२ में अकबर के राज्य में रचित । | १६१० आग्रा में रचना। " १८६४ १४ ।। सं. १६४६ मे अक वरशादशासित सिंह नदनगर में रचित । " १६वीं श. १३ सं १६४६ मे अक वरशाह के शासन में सिंहनदनगर में रचित। " | १८२५ | सं० १६४६ में अक वरशाह के शासन में-सौहरिद (सिंह नंद) नयर में रचित। पत्र १४वां अप्राप्त । १७७२ संवत् १६४६ में अकबर के शासन में रचित। १८४० सवत् १६४६ मे अकबर के शासन में सिंहनढमें रचित १८वीं श८४-६६ १०६ २४१७. वैद्यमनोच्छव " १५. सं. ११० | २८८४ वैद्यमनोच्छव १११ | ३१८२ वैद्यमनोच्छव १६.१५ ३२६२ वैद्यमनोच्छव | वैद्यमनोच्छव वैद्यमनोच्छव | ३८४५ औद्यमनोच्छव १८०६ २४ | संवत् १६४६ में रचित। १५ देवगढ़ में लिखित। १८६७
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy