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राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर
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क्रमांक प्रन्थाङ्क
. प्रन्यनाम
___ कर्ता
भाषा / लिपि ।
पत्रसमय | संख्या
विशेष
रा०
७२३
६३ | २३८५ योगचिन्तामणि सस्तवक मू० हर्पकीर्ति मू०सं० १८७३ | ६४ | २४०३ | योगचितामणि सस्तवक
| १७७७ मेडता में लिखित । ३८३६ योगचितामणि सस्तबक
१८वीं श १०८ ३८४६ | योगचिंतामणि सस्तवक
| १८२० १२८ | घटियालीनगर में
| लिखित । ३५५२ योगचिंतामणि (सार
| " १८वीं श६७-१६० (३) | संग्रह) सार्थ
योगमुक्तावली सार्थ | नागार्जुन | " २०वीं श| ८६ ७२७ | योगरत्नाकरचौपई नयनशेखर | रा० गू० १८१४ १२८ रचना सं १७३६ । २६२ योगशत सस्तवक
मू सं.स्त. १८४३
रा० गू० १५६२ | योगशत टीका रूपनयन
वेद्यवल्लभाख्या
टीका। ३८२८ योगशतक
" १६वीं श. ११ ३८५५ योगशतक
१६६५ केकिंद में लिखित। योगशतक सटीक योगशतक सार्थ मू० वामन मू सं. | १८१४ ३६
रा. गू | रससंकेतकलिका चामुण्ड | सं० १८वीं श. ११ | कोटा मे खिखित ।
कायस्थ | रामविनोद
रामचन्द्र 5. हि १८०५ १०३ । गुटका । ओरंगजेव
के शासनकाल में सम्वत् १६५०
(१) में रचित । । | ३५५२ रामविनोद रामचन्द्र मिश्र स० | १७६३
अकबर शासित केशवदास सुत
मेहरासहर में सं० | १६२० मे रचित ।
भिन्नमाल में लिखित ३८३३ / रामविनोद
| घृततेल भाजनग्राम
में लिखित। | ३४४६, रामविनोदभाषा रामचन्द यति राजस्थानी १६३० १५१
पत्र १०० से १०४ पनिका
तथा ११७ से ११६ अप्राप्त। सं १७२० में रचित ।
३८२६
१७४४