SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 185
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आयुर्वेद-शास्त्र [ १७३ - - - क्रमांक ग्रन्था ग्रन्थनाम भाषा लिपि- पत्रसमय | संख्या विशेष | १३४ भावप्रकाश पूर्व खंड | भावमिश्र १३५ भावप्रकाश उत्तर खण्ड १७४३ | भिषक्चक्र चित्तोत्सव हंसराज | मदनविनोद | २३६४ मदनविनोद- मदनपालनरेश ५० ३८२३ | १८७१ __५२ | ३८४८ मदनविनोद मदनपाल | मदनपाल निघण्टु सं० १ध्वीं श. १४३ २८ वें प्रकरण पर्यन्ता। संपूर्ण। " |१११२० ३७ " १८वींश. ४३ अत्या४४ वां-पत्र अप्राप्त। " ६४ मेडता में लिखित, सं. १४२१ मे रचित। अन्त ग्रंथकार का विस्तृतमेवंशवर्णन है। | १८४२ जगत्तारणिनगर में लिखित । सं १४२० में रचित । १४ पद्यों में ग्रंथकार की विस्तृत प्रशस्ति है। " १८८० नागोर में लिखित। | १६४३ / श्रीउदयसिंह शासित सुभटपुर में लिखित । योधपुर नरेश श्री मल्लदेव की प्रेरणा से रचित। १७वीं श १ " ७६-६० ५३ | ३८४४ | मनोरमायोग प्रथ मल्लप्रकाश । लोकनाथ ५५ | ३४६१ | माधवी चिकित्सा ११२३ मूत्रपरीक्षा (२०) २४०२ २४१६ | मूत्रपरीक्षा १८वीं श. १ मूत्रपरीक्षा १६वीं श १ मूत्रपरीक्षा तथा १७वीं श.१६५ वां कालज्ञान योगचिन्तामणि | सं० १७५४ ___३६ / फलवर्द्धिनगर में लिखित । योगचिन्तामणि भाषा मू. हर्पकीर्ति मू.सं.भा.१६वीं श टीका सहित टीरा गू ७१४ योगचिन्तामणि वालाव: " " १७४६ । २०४ | तेरा (कच्छ) में वोधसहित लिखित । हर्षकीर्ति ३८१६
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy