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________________ १५२ ] राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - क्रमांक ग्रन्थाङ्क ग्रन्यनाम ___ कर्त्ता | भाषा लिपि- पत्रसमय | संख्या विशेष ११६ ११२ १२०० ११८ | ११३८ सिखनखवर्णन सार्थ ५१२ शृङ्गारतिलक | २६६६ | शृङ्गारतिलक १२१ | २२८४ शृङ्गारविलासिनी १२२ | २२६४ | साहित्यसार | मू० केशवदास बहि० १६वीं श. १६ रुद्रट | सस्कृत १८वीं श. १५ रुद्रटभट्ट १८वीं श. १० देवदत्त १८४८ ब्रजनाथ हि० १८३६ ३३ रचना स. १७५७ । सं १८०५ में रुपनगर मे रचित। प्रथम पत्र प्राप्त । १२३ | ८५१ सुन्दर सुन्दरदास सुन्दरसिंगार १२४ | १८८५ | सुन्दरसिंगार (१) " " १६८७ | १७६१ ३२ १-५० गुटका। प्रथम पत्र अप्राप्त । सवाई जयपुर में लिखित। ५६ | गुटका। १६०३ | सुन्दरसिंगार | २०७३ | सुन्दरसिंगार | २२७० | सुन्दरसिंगार १८५२ १८०६ १८०१ ३६ जहानाबाद में लिखित । प्रारंभ में शाहजहां का वर्णनहै। गुटका। सुन्दरसिंगार १८वीं श. ५५ सुन्दरसिंगार १८२८ | १३२ (२) ३३१२ ३५३६ ३५७० १८०१ सुन्दरसिंगार सुन्दरसिंगार सुन्दरसिंगार १७६३ (१) १८७१ | सुन्दरसिंगार आदि १७४६ १-५४ | पत्तन नगर में लिखित । १८७२/ ७४ गुटका । ७१ वें पत्र मे सुन्दरसिंगार समाप्त होता है।
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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