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________________ रंसलिंकारादिशास्त्र- - - १५१ } -- - - - - - - क्रमांक ग्रन्थाङ्क प्रन्थनाम कर्ता भाषा लिपि- पत्र विशेष समय | संख्या व्र १६वीं श रसिकप्रियागत केचिदलंकाराः ६७ १ २३२३ रितुसुखसार दौलतकवि २६६८ २६६६ १८६३ __ ७ सं० १५८५ में सुरगढ़ में रचित, कृष्णगढ़में लिखित । | १५२८ २३ जीर्णप्रति । १५२८ ५५ | जीर्णप्रति । व. हि. १८वीं श ११६-४२/ रुद्रटालंकार रुद्रटालंकार टिप्पण रूपमजरी रुद्रट ननिसाधु नन्ददास ર૩૬૭ ०५६८ वाग्भटालकार वाग्भट स० १७वीं श. ७-१८ દ " १६६४ १७वीं श. वाग्भटालकार वाग्भट वाग्भटालंकार सटीक | मू वाग्भट टी० सिहदेव ४६१ , वाग्भटालंकार सटीक , मू. वाग्भट टी० सिंहदेव | वाग्भटालंकार सटीक मू वाग्भट चाग्भटालकार . वाग्भटालंकार सविवरण ४६१ वाग्भटालकार सावचूरि पंचपाठ वाग्भटालंकार पंचपाठ वाग्भटालंकार सावचूरि १७२७ १६१० १७वीं श १५वीं श १५३३ २६६४ १४७६ वाग्भटालकार सावंचूरि पचपाठ वाग्भटालंकारावचूरि शब्दवृत्ति (पद्य) शिखनख (पद्य) शिखनख वर्णन शिखनखवर्णन शिखनख सटीक राम बलिभद्र १७८३ ब्र.हि. २०वीं श. ५ अपूर्ण । १६वा श ३ १८५७ ८ भुज में लिखित । १६वीं श ५५-७१) २३६७ ११६८ मू बलिभद्र टी मनीराम
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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