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________________ काव्य-नाटक चन्पू [ १४१ क्रमांक ग्रन्थाङ्क ग्रन्थनाम कर्ता भाषा लिपि- पत्रसमय | संख्या विशेष २२६ | १६५० १७०७ लटकमेलकप्रहसन वाग्भूषणशतक शंखधर संस्कृत १७वीं श. १२ रामचन्द्र | " | १६११ १३ टी० स्वोपज्ञ २६२ | वासुदेवस्तुतिश्लोक पचार्थी टीका सहित वासना वासुदेवस्य वासितं भुवनत्रयम् । सर्वभूतनिवासीनां वासुदेव नमोऽस्तुते इस श्लोक के पाच अर्थ हैं। १५२० | २०१ विदग्धमुखमण्ड श. १३ 적적 सं०१६६६ में तेजपुर में टीका रचना। शक्तिपुर में लिखित। वासुपूज्यचरित्रमहाकाव्य धर्मदास १९२३ विदग्धमुखमण्डन १६३५ विदग्धमुखमण्डन | विदग्धमुखमण्डनटीका शिवचन्द्र विदग्धमुखमण्डन मू० धर्मदास सटीक टी०विनयसागर विदग्धमुखमण्डन | मू० धर्मदास | , सावचूरि त्रिपाठ | विदग्धमुखमण्डन सावचूरि पचपाठ अ० सहदेव विदग्धमुखमण्डन मू० धर्मदास सावचूरि पचपाठ | विदग्धमुखमण्डन " सावचूर्णि विद्वज्जनाभिरामकाव्य मूकालीदास सटीक विरहमंजरी नन्ददास 석 : 적 적 १४२से : विरहसलिता " " रचना सं०१८५० सवाईप्रतापसिंहजी पुरुषोत्तम १७६ विष्णुभक्तिकल्पलता प्रवन्ध १६६० | विष्णुभक्तिकल्पलता प्रवन्ध टीका महीघर १७६६ १७ | स० १६५७ में गिरी । शपुरी में लिखिता
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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