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________________ १२२ ] क्रमांक प्रथाक मन्थनाम ६५३ ३०११ स्वप्नाध्याय ६५४ | ३१८६ | स्वप्नाध्याय ६५५ | १७४० स्वरोदय ( नरपतिजयचर्या ) ६५६ १७५६ स्वरोदय ६५७ २५१० स्वरोदय ६५= | ३७८६ | स्वरोदय ६५६ ३७२६ |स्वरोदय नापा पद्य १६० | ३७०२ | स्वरोदयशास्त्र ६६१ | २५४= | हस्त रेखा चित्र ६६२ | १७४ = |इंसचक्र ६६३ | २६३० | हायनरत्नटीका ६६४ ६६५ राजस्थान पुरातत्रान्वेषण मन्दिर ३०४० हिल्लाजताजिक ६८५ |होराप्रदीप सार्थ ६६६ | ३२२१ | छोराप्रदीपक सार्थ ६६७ १७५८ |होलीविचार कार्तिक शुक्ला ५ विचारादि कर्त्ता चरनदास चिदानंद चरनदास जीवनाथ बलभद्र भाषा सं० १६वीं श. १७६० १८८० " 19 ब्रःहि० रा० सं० व्र हि० सं० लिपि - समय 29 १६०२ १९११ १८वीं श. १६वीं श १७वीं श रा०गु० १६वीं श. सं. १६वीं श १६वीं श. पत्र संख्या १६०८ " मू.सं.अ. १६वीं श. रा गु. मू सं . १८६२ रा.गु. ब्र. हि. गु. १६वीं श. १ ५ કદ १४ aw is mar. २१ १३ २ ११० २४ ५ १० १ 10 विशेष भुजनगर में लिखित कर्ता का नाम रनजीत था, उनके गुरु सुखदेवजी ने बदल कर चरनदास रखा सं० १६०७ में रचित अपूर्ण । पत्र १,१५से २० तथा ५ वा अप्राप्त ।
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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